इससे पहले राज्य शासन ने प्रदेश के करीब 200 स्कूलों को मिडिल से हायर सेकेंडरी तक अंग्रेजी मीडियम में बदलने का निर्णय लिया।.इसके खिलाफ जशपुर निवासी और संस्था अंक भारती के संयोजक डा रविन्द्र वर्मा ने जनहित याचिका दायर की।.इसके अलावा हिंदी अंकों का प्रयोग बंद करने पर भी एक पीआईएल लगाई थी। इसी प्रकार सरायपाली बसना के भोलाराम सिन्हा और विकास कुमार ने भी हिंदी को अंग्रेजी माध्यम स्कूल को बदलने के विरोध में याचिका लगाई है। घरघोड़ा शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल हिंदी मीडियम के अस्तित्व को बचाने के लिए घरघोड़ा के सामाजिक कार्यकर्ता सोमदेव मिश्रा द्वारा भी हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। इन सब याचिकाओं में बताया गया कि शासन द्वारा स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल को प्रोत्साहन देने हेतु पूर्व से संचालित हिंदी माध्यम स्कूलों की अनदेखी की जा रही है। डा वर्मा ने ही अब एक दूसरी जनहित याचिका प्रदेश के मल्टीपरपज स्कूलों को आत्मानंद बनाने को लेकर प्रस्तुत की है। इनमें से डा वर्मा की तीनों याचिकाओं पर सोमवार को चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में सुनवाई होनी थी। हिंदी मीडियम स्कूलों के मामले में शासन ने जवाब पेश किया। इन सभी याचिकाओं को चीफ जस्टिस ने अन्य बेंच में रेफर कर दिया है। अब मंगलवार को दूसरी डिवीजन बेंच में सुनवाई हो सकती है।