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रेलवे कुली व हमाल दाने दाने को मजबूर, कुलियों के लिए फंड नहीं रेलवे के पास समाजसेवी कर रहे सहायता

locationबिलासपुरPublished: Mar 31, 2020 08:04:57 pm

Submitted by:

Kranti Namdev

रेलवे स्टेशन में यात्रियों के सामानों का बोझ उठाकर अपना व अपने परिवार का गुजर बसर करने वाले कुलियों व हमालों के सामने रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो गई है।

फ़ाइल फ़ोटो

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बिलासपुर. रेलवे स्टेशन में यात्रियों के सामानों का बोझ उठाकर अपना व अपने परिवार का गुजर बसर करने वाले कुलियों व हमालों के सामने रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। इसका कारण कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए शासन द्वारा किया गया लॉक डाउन है। सप्ताह भर से भुखमरी झेल रहे कुलियों ने मंगलवार को डीआरएम के पास विशेष पैकेज के तहत सहायता करने गुहार लगाई लेकिन डीआरएम ने आश्वासन का झुनझुना थमाकर चलता कर दिया।
कुलियों ने बताया कि रेलवे स्टेशन में कुलियों की संख्या 151 के करीब है जिनका जीवन रेलवे स्टेशन से शुरु होता है और रेलवे स्टेशन में खत्म होता है। रेलवे स्टेशन में पहुंचने वाले यात्रियों का सामान उठाकर रोजी रोजी कमाकर अपना व अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले कुलियों व उनके परिवार के सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है। क्योकि रेलवे के पहिए 22 मार्च से थमे हुए है। करीब 9 दिनों से बेरोजगार बैठे कुली रेलवे से सहायता की उम्मीद लगाए बैठे है लेकिन रेलवे अधिकारियों को इन कुलियों की जरा भी चिंता नहीं है शायद यही कारण है कि कुलियों को अपनी फरियाद लेकर मंडल के मुखिया अलोक सहाय के पास जाना पड़ा। कुलियों की बात सुनने के बाद भी मंडल रेल प्रबंधक ने रेलवे बोर्ड रेलवे बोर्ड की गाइड लाइन का हवाला देते हुए कुलियों राहत पैकेज न होने की बात कही और आश्वासन देकर चलता कर दिया।

समाजसेवी कर रहे रेलवे परिक्षेत्र में खाद्य समाग्री का वितरण
रेलवे पर आश्रित कुलियों की सहायता को रेलवे प्रबंधन तो सामने नहीं आया, लेकिन रेलवे के कुछ जिम्मेदार अधिकारी मानवता के नाते गरीबों व कुलियों की सहायता को आगे आए है। वह कुलियों, हमालों व अन्य लोगों की निस्वार्थ सेवा कर रहे है।

आर्ट ऑफ लिविग ने बांटा 5 किलों चावल व 1 किलो दाल
डीआरएम के पास से आश्वासन का झुनझुना लेकर वापस स्टेशन पहुंचे कुलियों के चेहरों पर उस समय चमक आ गई जब आर्ट ऑफ लिविग के सदस्यों ने रेलवे अधिकारियों की मौजूदगी में कुलियों को 5 किलो चावल, 1 किलो दाल, हल्दी व नमक के पैकेज दिए। पैकेट लेकने के लिए कुलियों व हमालों की लम्बी लाइन लगी रही।

रेलवे में कुलियों के लिए पैकेज का कोई प्रावधान नहीं है। लेकिन रेलवे आपदा की स्थिति में कुलियों या फिर कोई भी व्यक्ति जो रेलवे परिक्षेत्र में रहता है उनकी सहयता के भोजन का प्रबंध करती है।
आलोक सहाय, डीआरएम बिलासपुर
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