21 दिनों के लॉक डाउन ने सभी वर्ग को प्रभावित किया है। लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित वह हुए है जिनका जीवन यापन ही भिक्षा पर निर्भर था। रेलवे के पहिए थमने के बाद भूखो मरने को मजबूर भिक्षुकों को राहत पहुंचाने के लिए रेलवे के विभिन्न विभाग ने सामने आकर मद्द का जिम्मा उठाया है। रेलवे कर्मचारी आपसी-तालमेल व जो हो सके अपने स्तर पर सहायता देने में लगे हुए है। स्टेशन मास्टर बीके विश्वास, यार्ड मास्टर पार्थो चटर्जी, सीनियर टीएनसी अंजू सिंह, विनय, पवन व साहेब लाल ने रविवार को सुबह से ही फल, दूध व अनाज का वितरण कर सहायता करते रहे। स्टेशन मास्टर एसोसिएशन के बीके विश्वास ने बताया कि जब रेलवे के अन्य कर्मचारियों को इस सहायता के विषय में पता चला तो बहुंत से लोग बेसहारा लोगों की मद्द को सामने आ रहे है।