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धान खरीदी की तैयारी पूरी तरह से प्रभावित होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। प्राप्त जानकारी अनुसार सुखत की मांग कोलेकर प्रदेशभर की सहकारी समितियां अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया है। समिति प्रबंधक के अनुसार गत वर्ष बारदाना की राशि ब्याज अनुदान अभी तक समितियां को अप्राप्त है। पूर्व में समिति के सदस्यों द्वारा शासन-प्रशासन के मंत्रियों भी आवेदन पत्र दिया गया था। किंतु इस पर किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं हुई, जिसके चलते आक्रोशित सहकारी कर्मियों ने आंदोलन शुरू कर दिया।
हड़ताल के तीसरी दिन भी सभी सहकारी समितियां में ताला लटका रहा, जिसके कारण हितग्राहियों को चावल मिट्टी तेल, शक्कर और अन्य सामग्री उपलब्ध नहीं हो पा रही है। हड़तालियों में प्रबंधक, लिपिक, सहायक, ऑपरेटर, विक्रेता, चपरासी, चौकीदार आदि शामिल है। यदि समय रहते इनकी मांगों का निराकरण नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में होने वाले धान खरीदी प्रभावित होने के साथ-साथ ही हितग्राहियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।