एनजीटी ने भी चलाया नो पटाखा अभियान : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, हाईकोर्ट एवं राज्य शासन ने पर्यावरण की रक्षा के लिए लोगों से अपील कर पर्यावरण की सेहत सुधारने के लिए नो पटाखा अभियान चलाया था। आमजन से इस कार्य में सहयोग की मांग की गई थी। राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह एवं पर्यावरण मंत्री राजेश मूणत ने दीवाली पर विदेशी पटाखों का बाहिष्कार करने तथा सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की थी। दीवाली के दिन वायू एवं ध्वनि प्रदूषण में कमी को लेकर योजना बनाई गई थी। प्रदूषण सचिव ने स्कूली बच्चों से इस कार्य में सहयोग मांगा था तथा नो पटाखा अभियान में शामिल होने को कहा था। इस अभियान में पर्यावरण संरक्षण मंडल ने भी जगह- जगह जन-जागरुकता अभियान चलाया था। आम-जनता ने भी इस कार्य में सहयोग दिया, जिसका असर वायू प्रदूषण में 38 प्रतिशत तथा ध्वनि प्रदूषण में 23 प्रतिशत की कमी रही।
वायू प्रदूषण 92 माइक्रोन तो ध्वनि 119 डेसीबल : पर्यावरण संरक्षण मंडल ने इस वर्ष सत्यम चौक, पुराना बस स्टैंड, मुंगोली नाका चौक, गोल बाजार, महाराणा प्रताप चौक समेत कुल 6 जगहों पर प्रदूषण मापक यंत्र लगाए थे। दीवाली के दिन वायु प्रदूषण की माप की गई तो स्तर 92.3 माइक्रोन प्रति घनमीटर दर्ज किया गया, जबकि पिछले वर्ष ये स्तर 148.76 रिकार्ड किया गया था। वहीं ध्वनि की तीव्रता पिछले वर्ष की तुलना में 23 प्रतिशत कम होकर 119 डेसीबल दर्ज की गई।
वर्षभर सहयोग जरूरी : ध्वनि एवं वायू प्रदूषण को नियंत्रित करने में सहयोग के लिए पर्यावरण संरक्षण मंडल भविष्य में भी पर्यावरण की सजगता बनाए रखने की अपील करती है। इसे एक दिनी आयोजन न बनाकर वर्ष भर सहयोग करें।
डॉ. अनिता सावंत, क्षेत्रीय प्रबंधक पर्यावरण संरक्षण मंडल, बिलासपुर
वर्षभर सहयोग जरूरी : ध्वनि एवं वायू प्रदूषण को नियंत्रित करने में सहयोग के लिए पर्यावरण संरक्षण मंडल भविष्य में भी पर्यावरण की सजगता बनाए रखने की अपील करती है। इसे एक दिनी आयोजन न बनाकर वर्ष भर सहयोग करें।
डॉ. अनिता सावंत, क्षेत्रीय प्रबंधक पर्यावरण संरक्षण मंडल, बिलासपुर