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मुहिम का दिखा असर, दिवाली में पटाखों से वायु प्रदूषण में आई कमी

locationबिलासपुरPublished: Nov 10, 2018 02:23:08 pm

Submitted by:

Amil Shrivas

वायु प्रदूषण में जहां 38 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई वहीं ध्वनि प्रदूषण 23 प्रतिशत कम रहा।

diwali

मुहिम का दिखा असर, दिवाली में पटाखों से वायु प्रदूषण में आई कमी

बिलासपुर. सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस वर्ष पटाखा चलाने को लेकर दिए गए दिशा-निर्देश का व्यापक असर देखने को मिला। वायु प्रदूषण में जहां 38 प्रतिशत की गिरावट तो ध्वनि प्रदूषण में 23 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। पर्यावरण संरक्षण मंडल ने वायु एवं ध्वनि प्रदूषण मापने के लिए शहर के करीब आधे दर्जन स्थानों पर यंत्र लगाए थे। इन मशीनों से प्रति घंटे ध्वनि एवं वायु प्रदूषण का रिकार्ड लिया गया। शाम 6 से रात 12 बजे तक लिए गए आंकड़े से पिछले वर्ष की तुलना में जबर्दस्त गिरावट दर्ज की गई। सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट और जिला प्रशासन ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए इस वर्ष स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया था। सुको ने तो रात 8 से लेकर 10 बजे तक ही पटाखे चलाने का आदेश जारी कर दिया था। साथ ही प्रदेश भर में चलायी गयी मुहिम का असर इस वर्ष दीवाली पर देखने को मिला। वायु प्रदूषण में जहां 38 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई वहीं ध्वनि प्रदूषण 23 प्रतिशत कम रहा।

एनजीटी ने भी चलाया नो पटाखा अभियान : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, हाईकोर्ट एवं राज्य शासन ने पर्यावरण की रक्षा के लिए लोगों से अपील कर पर्यावरण की सेहत सुधारने के लिए नो पटाखा अभियान चलाया था। आमजन से इस कार्य में सहयोग की मांग की गई थी। राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह एवं पर्यावरण मंत्री राजेश मूणत ने दीवाली पर विदेशी पटाखों का बाहिष्कार करने तथा सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की थी। दीवाली के दिन वायू एवं ध्वनि प्रदूषण में कमी को लेकर योजना बनाई गई थी। प्रदूषण सचिव ने स्कूली बच्चों से इस कार्य में सहयोग मांगा था तथा नो पटाखा अभियान में शामिल होने को कहा था। इस अभियान में पर्यावरण संरक्षण मंडल ने भी जगह- जगह जन-जागरुकता अभियान चलाया था। आम-जनता ने भी इस कार्य में सहयोग दिया, जिसका असर वायू प्रदूषण में 38 प्रतिशत तथा ध्वनि प्रदूषण में 23 प्रतिशत की कमी रही।

वायू प्रदूषण 92 माइक्रोन तो ध्वनि 119 डेसीबल : पर्यावरण संरक्षण मंडल ने इस वर्ष सत्यम चौक, पुराना बस स्टैंड, मुंगोली नाका चौक, गोल बाजार, महाराणा प्रताप चौक समेत कुल 6 जगहों पर प्रदूषण मापक यंत्र लगाए थे। दीवाली के दिन वायु प्रदूषण की माप की गई तो स्तर 92.3 माइक्रोन प्रति घनमीटर दर्ज किया गया, जबकि पिछले वर्ष ये स्तर 148.76 रिकार्ड किया गया था। वहीं ध्वनि की तीव्रता पिछले वर्ष की तुलना में 23 प्रतिशत कम होकर 119 डेसीबल दर्ज की गई।
वर्षभर सहयोग जरूरी : ध्वनि एवं वायू प्रदूषण को नियंत्रित करने में सहयोग के लिए पर्यावरण संरक्षण मंडल भविष्य में भी पर्यावरण की सजगता बनाए रखने की अपील करती है। इसे एक दिनी आयोजन न बनाकर वर्ष भर सहयोग करें।
डॉ. अनिता सावंत, क्षेत्रीय प्रबंधक पर्यावरण संरक्षण मंडल, बिलासपुर
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