भारत युवाओं का देश है। विदेशा आक्रांताओं ने सबसे ज्यादा देश के युवाओं को प्रभावित किया। युवाओं को मशीन बना दिया। गांधी जी के आदर्शों एवं सिद्धातों पर चलकर युवा ही भारत को पुन विश्व गुरु बना सकते हैं। साथ ही छात्र-छात्राओं से आव्हान किया कि उन्होंने आज यहां जो कुछ भी सुना उसे जीवन में उतारने का संकल्प लें। विश्वविद्यालय में चल रहे तीन चार प्रमुख कार्यों की जानकारी देते हुए कुलपति गुप्त ने कहा कि जब छात्र आगे बढ़ेंगे तब ही समान व विश्वविद्यालय आगे बढ़ेगा। नैक के प्रत्यायन की प्रक्रिया द्रुत गति से चल रही है। विश्वविद्यालय की शिक्षक एवं अधिकारी पूरे मनोयोग से इस काम में लगे हैं। नवंबर के अंतिम सप्ताह या दिसंबर के प्रथम सप्ताह में दीक्षांत समारोह प्रस्तावित है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोन एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आदेशों एवं निर्देशों का दी गई समय सीमा में पालन किया जा रहा है। कुलाधिपति की मंशा के अनुरूप पं. श्री गंगा प्रसाद वाजपेई स्वतंत्रता संग्राम सेनानी से छात्र-छात्राओं का सीधा संवाद स्थापित कराया जाएगा ताकि वे स्वतंत्रता और उससे जुड़े पहलुओं को गहराई से जान सकें।