जूना बिलासपुर निवासी विरेंद्र कुमार ने आवासीय निर्माण के लिए अपनी भूमि खसरा नंबर 201/9 में 1350 वर्गफुट के डायवर्सन कराने के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के न्यायालय में आवेदन किया था। चांटीडीह के पटवारी हल्का नंबर 33 के पटवारी केपी पाटनवार को जांच प्रतिवेदन सौंपना था। पटवारी पाटनवार ने जांच प्रतिवेदन बनाने के लिए अपने कार्यालय के निजी सहायक के माध्यम से जांच प्रतिवेदन देने के एवज में विरेंद्र कुमार के बेटे से पांच हजार रुपए की मांग की गई। यह राशि जब तक पटवारी पाटनवार को नहीं दी गई। तब तक पटवारी ने जांच प्रतिवेदन देने के लिए कई दिनों तक घुमाता रहा। पीडि़त के पुत्र योगेश ने पटवारी को उसके निजी सहायक के माध्यम से पांच हजार रुपए घूस दिया गया तब जाकर पटवारी केपी पाटनवार ने जांच प्रतिवेदन दिया ।
भू-अभिलेख प्रभारी को दिया आवेदन
जांच प्रतिवेदन देने के एवज में पांच हजार रुपए घूस लेने वाले चांटीडीह के पटवारी केपी पाटनवार के खिलाफ शुक्रवार को संयुक्त कलेक्टर व भू-अभिलेख प्रभारी एसके गुप्ता को पीडि़त के पुत्र ने ज्ञापन सौंपा । इसमें चांटीडीह के पटवारी केपी पाटनवार द्वारा दस बार चक्कर लगवाने और घूस देने के बाद जांच प्रतिवेदन देने का उल्लेख किया गया है।
एसडीएम को जांच करने के निर्देश
संयुक्त कलेक्टर एसके गुप्ता ने बिलासपुर के एसडीएम को पटवारी के खिलाफ जांच करने के निर्देश दिए है। यह जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए है।
कार्रवाई को लेकर दिया था ज्ञापन
एसडीएम कीर्तिमान सिंह राठौर को गुरुवार को पीडि़त व्यक्ति ने ज्ञापन सौंपा । इसमें पटवारी केपी पाटनवार के द्वारा जांच प्रतिवेदन देने के एवज में पांच हजार रुपए घूस लेने की शिकायत की गई । आवेदक ने पटवारी पाटनवार के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई।