साइबर क्राइम
(Cyber Crime) के मसलों पर नजर डालें तो सालभर में होने वाले कुल साइबर क्राइम में क्यूआर कोड से ट्रांजैक्शन में ठगी बहुत कम हैं। लेकिन कुछ ठगियां ऐसे पेमेंट्स में हैं जिनमें यूजर ने ही असावधानी बरती है।
जरूरी है सावधानी
आईटी एक्सपर्ट शुभम साहू के मुताबिक क्यूआर कोड जेनरेट करते समय यह ध्यान रखें कि आपकी मोबाइल मेमरी में पहले से तो कोई कोड नहीं पड़ा। किसी से भुगतान मंगाते और देते समय नाम अच्छी तरह से जांचें।
पिन को बार-बार बदलते रहें। अपने मोबाइल में संदिग्ध या प्लेस्टोर से अनवेरीफाइड एप बिल्कुल भी डाउनलोड न करें। बैंक खाते से सीधे ट्रांजैक्शन की बजाए पेमेंट गेटवेज की सुविधा के जरिए भुगतान करें तो अधिक सुरक्षित रहेंगे।
कोरोना के बाद पेमेंट गेटवे ने पीओएस को छोड़ा पीछे, 10 में 8 ट्रांजैक्शन पेमेंट गेटवेज से
पेमेंट्स में हुई आसानीनगदी की बजाए डिजीटली भुगतान ज्यादा आसान और अधिक हो जाता है। वित्तीय प्रबंधक व सीए संजय खरे कहते हैं नगदी भुगतान में लोगों पर पैसे खर्च होने का मनौवैज्ञानिक दबाव बनता है।
नतीजतन वे उतनी रफ्तार से नहीं खर्च करते जितनी रफ्तार से एटीएम से और एटीएम, पीओएस या नेट बैंकिंग से भी ज्यादा रफ्तार मोबाइल पेमेंट गेटवे की है। मोबाइल पेमेंट गेटवे इतना आसान है कि लोगों को भुगतान का पता ही नहीं चलता। कई बार लोग अपने वॉलेट में नगद रखते भी नहीं।