बिलासपुर

संवेदना केन्द्र के लिए बनाए गए भवन में हो गया विवेचकों का कब्जा, नहीं खुल पाए केन्द्र

जिले के 6 थानों में ही खुल पाए संवेदना केन्द्र, अधिकारी के तबादले के बाद बदल गई योजना

बिलासपुरMay 15, 2019 / 02:12 pm

Murari Soni

संवेदना केन्द्र के लिए बनाए गए भवन में हो गया विवेचकों का कब्जा, नहीं खुल पाए केन्द्र

बिलासपुर. जिले के थानों में संवेनदना केन्द्र बनाने की योजना अधिकारी के तबादले के साथ ठंडे बस्ते में चली गई है। जिले में सिर्फ 6 थानों में संवेदना केन्द्र शुरू हो पाए। वहीं कई थानों में संवेदना केन्द्र के लिए बनाए गए कक्षों में विवेचकों ने कब्जा जमा लिया है। थाने में शिकायत करने पहुंचने वाली महिलाओं और अपराधिक प्रकरण में पीडि़त महिलाओं के ठहरने और महिला संबंधी मामलों में काउंसिलिंग करने के उद्देश्य को लेकर संवेदना कक्ष बनाने के निर्देश दिए गए थे।
सन 2017 में शहर के तोरवा थाने में पहला संवेदना कक्ष बनाया गया था। संवेदना कक्ष में थाने में शिकायत करने वाली महिलाओं की बातें सुनने, पीडि़त महिलाओं को ठहरने की व्यवस्था के साथ-साथ महिलाओं से संबंधित शिकायतों की काउंसिलिंग की व्यवस्था की गई है। सामाजिक कार्यकर्ता, अधिवक्ता , डाक्टर और अन्य संगठनों से जुड़ी महिलाओं की कमेटी बनाकर महिलाओं की शिकायतों का निराकरण करने के निर्देश तत्कालीन एसपी आरिफ एच शेख ने दिए थे।
तोरवा थाने के बाद जिले के कोतवाली, तारबाहर, चकरभाठा, कोटा और सीपत थाने संवेदना कक्ष बनाया गया है। आधा दर्जन थानों में महिलाओं से संबंधित शिकायतों का निराकरण करने काउंसिलिंग और पीडि़त महिलाओं के ठहरने की व्यवस्था की गई है।
महिलाओं व नाबालिग लड़कियों को मिलती है राहत
जिले के 6 थानों में बनाए गए संवेदना कक्ष में अब तक महिलाओं और नाबालिग लड़कियों को राहत मिली है। इन केन्द्रों में आपराधिक प्रकरणों से संबंधित महिला व नाबालिग लड़कियों को रखकर सुविधा मुहैया कराई जा रही है। पीडि़त महिलाओं को घर जैसा वातारवण उपलब्ध कराने केा प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही संवेदना केन्द्र का उपयोग संबंधित थानों की महिला कर्मचारियों के उपयोग भी आ रहा है।
सिविल लाइन थाने कमरा बना पर हो गया कब्जा
सिविल लाइन थाना परिसर में 4 महीने पूर्व बनकर तैयार हुए संवेदना कक्ष के लिए कमरे में संवेदना केन्द्र तो नहीं खुला लेकिन इस कमरे में विवेचकों ने कब्जा कर लिया है। कक्ष में विवेचक दिन भर कामकाज करते हैं और रात्रि में कक्ष में ताला लगा दिया जाता है।
एक दर्जन थानों में बनने हैं संवेदना केन्द्र
जिले के 14 थानों सिविल लाइन ,सिरगिट्टी, सरकंडा, मस्तूरी, पचपेड़ी, कोनी, सकरी, हिर्री, बिल्हा, तखतपुर, रतनपुर, गौरेला, पेण्ड्रा व मरवाही में संवेदना केन्द्र खोले जाने हैं। एक दर्जन थानों के परिसरों में संवेदना कक्ष के लिए अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुए हैं।
-संवेदना केन्द्रों के निर्माण के लिए पूर्व में दिए गए दिशा निर्देशों की जानकारी नहीं है। जिले के कुछ थानों में संवेदना केन्द्र खुल पाए हैं। शेष थानों में भवन निर्माण करने के निर्देश दिए गए हैं। संवेदना कक्ष के निर्माण के लिए राशि उपलब्ध होने पर एक साथ संवेदना केन्द्रों को शुरू कर दिया जाएगा।
– संजय धु्रव, एएसपी

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