scriptShani Jayanti 2021: शनि जयंती और सूर्य ग्रहण एक साथ, 148 साल बाद बन रहा ऐसा संयोग, जानें इसके प्रभाव | Shani Jayanti Solar Eclipse together on 10th June after 148 years see | Patrika News

Shani Jayanti 2021: शनि जयंती और सूर्य ग्रहण एक साथ, 148 साल बाद बन रहा ऐसा संयोग, जानें इसके प्रभाव

locationबिलासपुरPublished: Jun 08, 2021 09:51:46 am

Submitted by:

Ashish Gupta

Surya Grahan 2021: शनि जयंती ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि 10 जून को मनाई जाएगी। इसी दिन सूर्यग्रहण भी लगेगा। ऐसा संयोग 148 साल पहले बना था ऐसा बताया जा रहा है।

surya_grahan1_1-m.jpg

Surya Grahan 2021: शनि जयंती और सूर्य ग्रहण एक साथ, 148 साल पहले बना था ऐसा संयोग

बिलासपुर. शनि जयंती (Shani Jayanti) ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि 10 जून को मनाई जाएगी। इसी दिन सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2021) भी लगेगा। ऐसा संयोग 148 साल पहले बना था ऐसा बताया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को सूर्य पुत्र शनि का जन्म हुआ था। इस दिन विधि-विधान से शनिदेव का पूजन अर्चन करने पर उनकी कृपा प्राप्त होती है और तमाम परेशानियों से मुक्ति मिलती है।

इस बार शनि जयंती बहुत ही खास
इस बार शनि जयंती बहुत ही खास है क्योंकि इस दिन सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। यद्यपि यह ग्रहण आंशिक ग्रहण होगा और भारत के पूर्वी-उत्तर प्रांत के कुछ हिस्सों में ही दिखाई देगा, इसलिए शेष भारत में इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल भी मान्य नहीं होगा और न ही किसी राशि पर इसका प्रभाव पड़ेगा। यह ग्रहण विश्व के कुछ भाग जैसे उत्तरी अमेरिका के उत्तर पूर्वी भाग, उत्तरी एशिया, उत्तरी अटलांटिक महासागर में कंकणाकृति सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।

यह भी पढ़ें: इन तिथियों पर जन्मे लोग होते हैं गुस्सैल और जिद्दी, जानें इनके बारे में सबकुछ

भारतीय समयनुसार दोपहर 01 बजकर 42 मिनट पर सूर्य ग्रहण आरंभ होगा जो शाम को 06 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगा। इस समय अपने पिता सूर्य की चाल के कारण शनि अपनी स्वयं राशि मकर में वक्री हैं और शनि जयंती पर ही सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार ऐसा संयोग 148 साल पहले 26मई1873 में बना था।

भारत में सूर्यग्रहण का प्रभाव नहीं
इस बार लगने वाला सूर्य ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र और वृषभ राशि में लगेगा। मृगशिरा नक्षत्र का स्वामी मंगल ग्रह है और इस समय मकर राशि में वक्री शनि की पूर्ण दष्टि, मीन एवं कर्क राशि में स्थित मंगल पर पड़ रही है। इसके साथ ही मंगल की दृष्टि गुरु पर हैं और सूर्य-चंद्र, राहु एवं बुध की युति भी बनी हुई है, लेकिन भारत में सूर्य ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं होगा इसलिए किसी भी राशि के जातक पर किसी भी प्रकार को कोई अशुभ असर नहीं देखने को मिलेगा।

यह भी पढ़ें: हर व्यक्ति में होने चाहिए ये 4 गुण, इन गुणों वाले व्यक्ति को मिलता है मान-सम्मान

शनिदेव न्याय के देवता: पं जागेश्वर अवस्थी
रतनपुर स्थित सिद्धपीठ भैरव मंदिर के मुख्य पुजारी पं जागेश्वर अवस्थी ने बताया कि शनिदेव भगवान सूर्य एवं माता छाया का पुत्र है। शनिदेव न्याय का देवता माने जाते हैं। इस दिन दान पुण्य के प्रभाव सालों तक बने रहेंगे। शनि जी को लोहे का त्रिशूल चढ़ाने से विशेष शुभ होता है। शनि जी को तीली का तेल या सरसों का तेल लगाकर पूरे शरीर को मालिश करने से रोग से छुटकारा मिलती है।

शनिदेव के लिए नीले वस्त्र या काले वस्त्र का मन्दिर में दान करें। गरीबों व रोगियों को भोजन कराएं। अपने बुजुर्गों का आशीर्वाद लें इनसे प्रसन्न होकर शनिदेव आपके हर काम में आपके साथ देते हैं और न्याय करते हैं। प्रांतीय अखंड ब्राह्मण समाज के प्रदेश मीडिया प्रभारी कान्हा तिवारी ने बताया कि शनि जयंती पर भगवान भैरवनाथजी एवं हनुमान जी का दर्शन करना भी अत्यंत शुभ माना गया है। पश्चिम मुखी शनिदेव का दर्शन करना विशेष फलदाई है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो