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जूनी लाइन में महिला समिति के द्वारा चौथे वर्ष श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन, बाल रूप में भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाया

locationबिलासपुरPublished: May 27, 2023 12:50:35 am

Submitted by:

SHIV KRIPA MISHRA

जूनी लाइन में महिला समिति के द्वारा चौथे वर्ष श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन, बाल रूप में भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाया


बिलासपुर। जूनी लाइन में महिला त्रण किया गया। श्रीमद्भागवत कथा में भगवान श्री कृष्ण और बलराम के साथ ही नंद बाबा के गांव में हंसी ठिठोली की कहानी के साथ गोपियों और कन्हैया के बीच प्रेम लीला का भागवत कथा में चित्रण किया किया ।

Shrimad Bhagwat Katha organized for the fourth year by the Women's Committee in Juni Line, Lord Krishna lifted the Govardhan mountain in the form of a child
Shrimad Bhagwat Katha organized for the fourth year by the Women's Committee in Juni Line, Lord Krishna lifted the Govardhan mountain in the form of a child
जूनी लाइन की महिलाओं ने आपस में सहयोग करके श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया है। जूनी लाइन में 5 दिनों से चल रहे श्रीमद् भागवत कथा में कथावाचक आचार्य कृष्ण रेणु गोविंद ने कहा है कि सुंदर सुंदर वस्त्र पहनकर नंद बाबा के घर के सामने सभी गोपियां भगवान कृष्ण की शिकायत करने पहुंची थीं। कहने लगी गोपियां, नंदलाला ने हमारे घर में माखन चोरी कर लिया गायों को छोड़ दिया। मैया से कहने लगी नंद लाला माखन चोरी करके ना खाया करें। कन्हैया की शिकायत करने पहुंचे गोपियां नजरें चुराने लगी। कहने लगीं मैया तुम्हारे लाला बहुत नटखट है। शिकायत करने पहुंचीं गोपियां भगवान श्री कृष्ण के दर्शन करने के लिए व्याकुल थीं। लेकिन वे गोपियों के सामने नहीं आ रहे थे। गीत संगीत के बीच श्रद्धालुओं ने श्री कृष्ण के बाल रूप की कथा सुनाई।
भागवत कथा वाचक आचार्य कृष्णा रेणु ने बताया कि नंदलाला नींद से उठ कर आंखों को भींचते हुए बाहर आ रहे हैं और मैया के पीछे जाकर छिप जाते हैं। गोपियां अब कन्हैया को देखने लगी। गोपियां टकटकी लगाकर कन्हैया को देख रहीं। कन्हैया कहने लगे मेरे दर्शन के लिए गोपियां तरह-तरह की योजना बनाकर घर आ रही हैं। भगवान श्री कृष्ण ने छोटे छोटे ग्वालों की टोली बनाकर गोपियों के घर जाकर उनके हाथों से बने माखन चोरी कर खाने लगे। गोपियों का उलाहना तो बहाना है। यह कथा सुनने से हमारा हृदय भी कन्हैया चोरी करले यही है जीवन में सभी चाहते हैं।
भागवत कथा में प्रारंभ में कर्दम ऋषि और देवकी का विवाह हुआ है मनु सतरूपा की कथा कही गई । उसके बाद कपिल देव और नौ कन्याओं का जन्म हुआ। उसके बाद कपिल देव और ज्योति का संवाद जिसको हम शांत शास्त्र भी कहते हैं। कपिल देव जी का गंगा सागर में जाना हुआ और उसके बाद फिर यही कथा आगे बढ़ते हुए श्रीमद् भागवत कथा वाचक आचार्य कृष्ण गोविंद प्रपन्नाचार्य ने कहा है कि हमें ज्ञान के लिए दीक्षा लेनी है। गुरु परमात्मा को मिलाने में माध्यम हो सकता है। गुरु के बताए मार्ग पर चलकर परमात्मा का दर्शन करना है। पंडित बृजेश कुमार द्विवेदी यहां पूजा में जुटे हुए हैं जूनी लाइन में चौथी बार महिला समिति जूनी लाइन नागरिकों के सहयोग से श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया है जिसमें काफी संख्या में श्रद्धालु रोज यहां शामिल हो रहे हैं। श्रीमद् भागवत कथा का समापन 29 मई को हवन भंडारा के साथ होगा। धनुष यज्ञ मंडप बेदी में आज 108 कमल फूल से बेदी की पूजा अर्चना की गई।
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