शुभम हत्याकांड के मुख्य संदेही अक्षत श्रीनिवासन ने सोमवार को जिला सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी, जिसे संदेही ने खारिज होने के डर से खुद ही मंगलवार की सुबह वापस ले लिया। उसके बाद न्यायालय में आत्मसमपर्ण के लिए कयास लगाए जाने लगे।
तेदुपत्ता व्यापारी गिरजा प्रसाद के बेटे शुभम केशरवानी के हत्यारे को पुलिस की टीम ने रायगढ़ में उसके रिश्तेदार के घर से गिरफ्तार कर लिया है। ऐसी सूचना दिन भर पुलिस महकमें चर्चा का विषय बनी रही। संदेही की गिरफ्तारी की बात पर एसपी व अन्य अधिकारी पुष्टि करने से बचते रहे।
पुलिस ने संघन जांच के बाद शुभम केशरवानी की हत्या करते हुए अक्षत श्रीनिवासन को देखने वाले चश्मदीद गवाह को खोजन व तकनीकी साक्ष्य को बरामद करने की पुष्टि एडीशनल एसपी शहर ओमप्रकाश शर्मा ने की है। उन्होंने बताया कि आरोपी अब नाम जद हो चुका है। जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
14 मार्च की रात रिंग रोड नं. 2 में तेंदूपत्ता व्यापारी गिरजा प्रसाद केशरवानी के इकलौते बेटे की लाश खून से लथपथ मिली। 15 मार्च को पुलिस मामले की जांच शुरू कर आरोपी को जल्द गिरफ्तार करने का हवाला देती है। दिनभर की कड़ी जांच के बाद शुभम किनके साथ गया, इसकी जानकारी पता करती है। 16 मार्च को शुभम जिनके साथ था उनका बयान दर्ज किया जाता है। 17 मार्च को पुलिस तकनीकी साक्ष्य एकत्र करती है और उसे चश्मदीद गवाह भी मिल जाता है। पुलिस के पास अक्षत को शुभम केशरवानी के कत्ल के आरोप में गिरफ्तार करने का पर्याप्त सबूत मिल चुका है। इसके बाद भी पुलिस अक्षत को गिरफ्तार करने में पूरी तरह नाकाम शाबित हुई है।
अक्षत कहा है उसकी छिपने में कौन सहायता कर रहा है। हत्या के पीछे क्या कारण है। उस रात ऐसा क्या हुआ की अक्षत ने शुभम की हत्या कर दी। यह हत्या आवेश में आकर की गई है या फिर हत्या के पीछे गहरी साजिश है, इन सब सवालों का जवाब तलाशने में जुटी पुलिस अब तक किसी नतीजे तक नहीं पहुंच सकी है।
अभिषेक मीणा, पुलिस अधीक्षक बिलासपुर