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स्मार्ट सिटी बनाने वाले नहीं कर पा रहे स्मार्ट काम, 4 हजार करोड़ के बजट से 50 करोड़ भी नहीं हुए खर्च

locationबिलासपुरPublished: Nov 25, 2020 09:59:12 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल होने के बाद शहर में विकास के लिए शहरी विकास मंत्रालय ने 4 हजारा करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे। राशि से शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए स्मार्ट सिटी एजेंसी का गठन किया गया। नगर निगम के कार्यों से स्मार्ट सिटी के कार्यों को दूर रखा गया था।

बिलासपुर. स्मार्ट सिटी बनाने का जिम्मा जिन अधिकारियों के कंधों पर है वो खुद काम में स्मार्ट नहीं हैं। 4000 करोड़ के बजट में शहर को स्मार्ट बनाने वाले अधिकारी 50 करोड़ भी नहीं खर्च पाए हैं। हाल तो यह है अधूरे काम के कारण अधिकारी शहरी विकास मंत्रालय के स्मार्ट सिटी रैंकिंग स्पर्धा में शामिल होने से कतरा रहे हैं।

स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल होने के बाद शहर में विकास के लिए शहरी विकास मंत्रालय ने 4 हजारा करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे। राशि से शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए स्मार्ट सिटी एजेंसी का गठन किया गया। नगर निगम के कार्यों से स्मार्ट सिटी के कार्यों को दूर रखा गया था। नगर निगम अधिकारियों ने शहर में विकास कार्यों के लिए प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को लगातार भेज रहे हैं, जिसमें शहर की सड़कों को दुरुस्त करने के काम शामिल हैं।

पहला प्रोजेक्ट व्यापार विहार सड़क, दूसरा प्रोजेक्ट मिट्टी तेल गली और तीसरा प्रोजेक्ट नेहरू चौक से मंगला चौक की सड़क में व्यवस्था दुरुस्त करने के शामिल हैं। इन सभी प्रोजेक्ट पर काम तो कई महीने पहले शुरू हुआ, लेकिन वर्तमान में सभी निर्माण कार्य अधूरे हैं। कई प्रोजेक्ट में कई महीनों से काम तक नहीं हुआ है।

 

सड़क सौंदर्यीकरण के लिए 1 महीने पहले की तोडफ़ोड़

नेहरू चौक से मंगला चौक तक सड़क में सौंदर्यीकरण के साथ-साथ व्यवस्थित मार्ग बनाने के लिए नगर निगम अधिकारियों ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत काम शुरू किया था, जिसके तहत पूर्व में सड़क किनारे पौधरोपण और सौंदर्यीकरण के लिए घेरे गए स्थान में तोडफ़ोड़ की गई है। एक महीने पहले तोडफ़ोड़ करने के बाद अधिकारियों ने काम बंद करा दिया है। वर्मतान में राहगीरों ने इस तोडफ़ोड़ से परेशानी हो रही है।

डर इतना ही रैंकिंग में शामिल होने जानकारी तक नहीं भेजते

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर धीमी गति से काम होने के कारण नगर निगम अधिकारी समय-समय पर होने वाली स्मार्ट सिटी परफार्मेंस रैंकिंग में शमिल होने जानकारी तक नहीं भेजते। समय-समय पर शहरी विकास मंत्रालय से नगर निगम को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए कई चैलेंज भेजे जाते हैं, लेकिन इन चैलेंज को पूरा करने के लिए अधिकारी रुचि नहीं दिखा रहे हैं। साथ ही मंत्रालय द्वारा मांगी गई जानकारी भी आधी अधूरी भेजते हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर स्मार्ट सिटी परफामेंस में शहर की रैंकिंग की जानकारी नहीं है। समय-समय पर मंत्रालय से परफामेंस वर्क की जानकारी मांगी जाती है, जिसे भेज दिया जाता है।

-खजांची कुम्हार, उपायुक्त, नगर निगम

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