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बिलासपुर

नॉमिनल लीज पर मिली शासकीय भूमि को करोड़ो में बेचा, याचिका पर नोटिस

लीज पर शासन से कौडि़यों के दाम मिली जमीन को करोड़ो रुपए का सौदा कर बेचने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। प्रकरण रायपुर शहर के मुख्य स्थान शास्त्री चौक डीकेएस. अस्पताल के सामने का है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य शासन, रायपुर कलेक्टर, नजूल अधिकारी व अन्य को नोटिस जारी किया है।

बिलासपुरJul 04, 2022 / 10:38 pm

AVINASH KUMAR JHA

नॉमिनल लीज पर मिली शासकीय भूमि को करोड़ो में बेचा, याचिका पर नोटिस

नॉमिनल लीज पर मिली शासकीय भूमि को करोड़ो में बेचा, याचिका पर नोटिस

बिलासपुर। लीज पर शासन से कौडि़यों के दाम मिली जमीन को करोड़ो रुपए का सौदा कर बेचने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। प्रकरण रायपुर शहर के मुख्य स्थान शास्त्री चौक डीकेएस. अस्पताल के सामने का है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य शासन, रायपुर कलेक्टर, नजूल अधिकारी व अन्य को नोटिस जारी किया है।
शासन ने वर्ष 1996 में शास्त्री चौक रायपुर में 11 हजार 700 वर्गफिट भूमि 169 रुपए सालाना लीज पर कृष्ण कुमार नत्थानी नामक व्यक्ति को दी थी। लीजधारी कृष्ण कुमार नत्थानी द्वारा वर्ष 2018 में उक्त भूमि को टुकड़ों में बिक्री करना शुरू कर दिया। इस बेशकीमती भूमि की बिक्री जादवानी परिवार के 5 लोगों को की जा चुकी है। पंजीयन कार्यालय द्वारा मिलीभगत करके नजूल भूमि की रजिस्ट्री भी कर दी गई। लीज धारक ने व्यावसायिक उपयोग के लिए मिली जमीन को कुछ लोगों को किराए पर भी दिया था। ज्ञात हो की उक्त भूमि की लीज का 5 फरवरी 1996 को फिर नवीनीकरण किया गया। वार्षिक किराया 169 रुपए मात्र में जमीन मिली थी। इसका भू भाटक भी हर साल जमा करना था। पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी ने भू-भाटक का पुनर्निर्धारण कर राशि को 500 गुना तक बढा दिया था। पिछले 20 साल से लीजधारी ने किराया ही जमा नहीं किया। यह राशि ब्याज सहित करीब लाखों रुपए पहुंच गई। लेकिन प्रशासन ने न तो भू-भाटक के लिए नोटिस जारी किया है और ना ही आबंटन निरस्त किया। रजिस्ट्रार ने बिना निरीक्षण के वार्ड क्रमांक 36 मुख्य मांर्ग पर स्थित भूमि का ब्लाक नंबर 10 प्लाट नंबर 2/3 के भाग की रजिस्ट्री कर दी है। इसके समेत अन्य 05 लोगों को जमीन की बिक्री की गई | यहाँ बने व्यावसायिक कांप्लेक्स के पीछे खाली पड़ी जमीन की भी रजिस्ट्री कर दी गई है। जिसमें रजिस्ट्री 10 हजार रुपए वर्गफिट में की गई। जबकि कलेक्टर रेट निजीभूमि के लिए 16 हजार रुपए तय किया गया है। रजिस्ट्री में गड़बड़ी करते हुए नजूल नक्शा लगाया है। नजूल नक्शा में व्यवसायिक कांप्लेक्स और बिक्री की गई भूमि को निजी हक का बताया गया। वर्तमान में उक्त भूमि पर तेजी बड़ा निर्माण कार्य किया जा रहा है | इंटक के राष्ट्रीय प्रवक्ता आशीष देव सोनी ने इस मुद्दे पर जनहित याचिका प्रस्तुत की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने छत्तीसगढ़ शासन , कलेक्टर , नगर निगम , नजूल अधिकारी, राजस्व अधिकारी, पंजीयन अधिकारी, कृष्ण कुमार नत्थानी, सुन्दर दास जादवानी , किशोर जादवानी, विजय जादवानी, संजय जादवानी, नरेश जादवानी को नोटिस जारी किया है |
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