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कभी-कभी खुद के लिए भी समय निकालें-जैन मुनि पंथक

locationबिलासपुरPublished: Jun 06, 2018 01:40:21 am

Submitted by:

Amil Shrivas

यह बातें जैन मुनि पंथक ने मंगलवार की सुबह गुजराती जैन समाज भवन टिकरापारा में प्रवचन के दौरान कही।

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कभी-कभी खुद के लिए भी समय निकालें-जैन मुनि पंथक

बिलासपुर. मनुष्य को अपने जीवन में एक ही जैसा रूटीन रखना पड़ता है। वह अपनी दिनचर्या में कभी भी कोई भी परिस्थिति में परिवर्तन नहीं करता, तो उसके जीवन में कुछ नया नहीं हो सकता। न सोच पाता है और न ही कुछ कर पाता है। सारी जिंदगी गुजर जाती है तब भी वह अपने लिए कुछ नहीं कर पाता है। इसलिए अपने रूटीन लाइफ में कभी-कभी अपने लिए भी समय निकालना चाहिए ताकि जीवन में बदलाव आए। यह बातें जैन मुनि पंथक ने मंगलवार की सुबह गुजराती जैन समाज भवन टिकरापारा में प्रवचन के दौरान कही। टिकरापारा गुजराती जैन समाज भवन में जैन मुनि पंथक आत्मिक ज्ञान प्रवचन के माध्यम से श्रावक-श्राविकाओं को दे रहे हैं। मंगलवार को उन्होंने जीवन में रूटीन में समय-समय पर बदलाव करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन में थोड़ा रिलैक्स कर सके। जिससे व्यक्ति का दिमाग और शरीर भी तरो ताजा हो जाएगा और अपने काम को और अच्छे से अच्छा कर सकूं यह विचार करेगा। जैसे जैन मुनि गुरु देव को भी अपनी दिनचर्या में कई कार्य करने रहते है जैसे सामायिक, प्रतिक्रमण, कावसक ऐसी कई प्रवृत्तियां करनी होती हैं। फिर भी वह कुछ समय अपने दिमाग व शरीर को आराम देते हैं, जिससे उनका शरीर और दिमाग हमेशा तेज रहता है। अगर एक ही काम को आप लंबे समय तक करते रहेंगे तो एक समय आपकी रूचि उस काम से कम हो जाएगी और आप मन से काम नहीं कर सकोगे और एक समय हो सकता है कि आप वह काम बंद कर दें।
कुछ न करे तो वह आपके लिए बुरा हो सकता है। काम नहीं करेंगे तो परिवार व बच्चों का पालन-पोषण नहीं कर पाएंगे। इसलिए रूटिन लाइफ से अपने लिए कुछ समय अवश्य निकाले। ताकि आपका मन व दिमाग दोनों ही तरोताजा महसूस करें। अपने लिए समय निकालने का अर्थ सिर्फ इतना है कि लगातार काम से बोर होंगे तो बीच में थोड़ा माहौल बदलना जरूरी होता है। काम को बंद न करे बस कुछ समय रोक कर करें। अमरेश जैन ने बताया कि मुनि के सुबह की गोचरी भावना हेमंत सेठ परिवार व दोपहर को आहारचर्या निशा कानाबार परिवार को लाभ मिला। इस अवसर पर गुजराती जैन समाज के सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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