मां फिर भी अपने बच्चों की सलामती की दुआ करती हैं। इसीलिए इन्हें धरती का भगवान कहा गया है। शहर के कल्याण कुंज वृद्धाश्रम में वृद्ध महिला पुरुष रहते हैं। जिनमें ज्यादातर लोग अपने बेटों और बहुओं से सताएं हुए है। जिन्हें उनके बच्चे आश्रम में छोड़कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो गए हैं।
वृद्ध महिलाओं ने बताया कि हमने अपने बच्चों को पढ़ा-लिखाकर काबिल बना दिया। वृद्ध होते ही हमें आश्रम में छोड़कर चले गए। इससे हमें तकलीफ तो होती है, लेकिन दिल से उनके लिए दुआ ही निकलती है। आश्रम के प्रबंधक रंजन प्रधान ने बताया कि कई महिलाएं ऐसी हैं जिनके बच्चे सरकारी नौकरी में हैं, लेकिन बीवी से छोटी से बात पर अपने माओं के साथ मारपीट करते हैं और उन्हें आश्रम में छोड़कर चले जाते हैं।