सूखे का ऐसा असर, 3 केंद्रों में एक दाना तक नहीं आया बिकने
बोनस दे रही सरकार, लेकिन धान की पैदावार ही नहीं तो बेचें क्या

बिलासपुर . समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू हुए महीना बीत रहा, सरकार बोनस भी दे रही, लेकिन जिले के तीन खरीदी केंद्रों में अब तक धान का एक धाना भी बिकने नहीं आया। ये सूखे का असर है, जिससे कई इलाकों में पैदावार ही नहीं हुई। यही वजह है कि कई केंद्रों में धान की आवक कम है, या कुछ केंद्रों में एक दाना भी नहीं आ रहा।
किसानों के समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी पिछले माह की १५ तारीख को प्रारंभ हुआ है। जिले में अकाल होने की वजह से दो दर्जन से अधिक खरीदी केंद्रों में एक पखवाड़ा गुजरने के बाद भी किसानों ने धान बेचने के लिए खरीदी केंद्रों में नहीं पहुंचे थे। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में सूखें का व्यापक असर इस बार खरीफ मौसम में दिखाई पडऩे लगा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि धान खरीदी को प्रारंभ हुए २६ दिन बीत गए हैं, पर तीन खरीदी केंद्रों में अब तक धान खरीदी की बोहनी नहीं हुई है।
ये हैं जीरो केंद्र
जिले के सेवा सहकारी समिति चिल्हाटी में अब तक एक भी किसान धान बेचने के लिए नहीं पहुंचा। चिल्हाटी समिति के ही उप धान खरीदी केंद्र जैतपुरी में भी एक दाना धान बिक्री के लिए नहीं आया। जबकि इन दोनों खरीदी केंद्रों में लगभग एक हजार किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया था। इसी प्रकार जयरामनगर के उप केंद्र तेंदुआ में अब तक धान खरीदी की बोहनी नहीं हो सकी है।
१ हजार क्विंटल से कम खरीदी वाले केंद्र
जिले में एक हजार क्विंटल से कम धान खरीदी करने वाले केंद्रों की संख्या एक दर्जन है। इनमें सोन के उपकेंद्र कुकुरदीकला में अब तक केवल ६३.२० क्विंटल धान की खरीदी की गई है। इसी प्रकार बाम्हू में ३.२० क्विंटल, भरारी में ४४६.० क्विंटल, जयरामनगर समिति में २४२.८० क्विंटल, जोंधरा में २१२ क्विंटल, नगोई में ३५०.४० क्विंटल, बैमा में ८९०.८० क्विंटल, बरतोरी में ८५८.० क्विंटल, मिट्ठूनवागांव के उप खरीदी केंद्र आमागोहन में ९१० क्विंटल व खैरा में ६.५४ क्विंटल एवं लरकेनी में ३०४ .५० क्विंटल धान की खरीदी की
गई है।
सिंचित क्षेत्र बदहाल
मस्तूरी विकासखंड के तीनों धान खरीदी केंद्र सिंचित क्षेत्र में शामिल हैं। इस इलाके में किसानों की ये दशा है, तो असिंचित इलाके का अंदाजा लगाया जा सकता है।
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