scriptनिलंबित डीजीपी मुकेश गुप्ता की अग्रिम जमानत अर्जी हाईकोर्ट से खारिज | Suspended DGP Mukesh Gupta's anticipatory bail application dismissed | Patrika News

निलंबित डीजीपी मुकेश गुप्ता की अग्रिम जमानत अर्जी हाईकोर्ट से खारिज

locationबिलासपुरPublished: Sep 06, 2019 09:34:43 pm

Submitted by:

Murari Soni

भिलाई के साडा जमीन मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद अग्रिम जमानत अर्जी दायर की गई ती।

निलंबित डीजीपी मुकेश गुप्ता की अग्रिम जमानत अर्जी हाईकोर्ट से खारिज

निलंबित डीजीपी मुकेश गुप्ता की अग्रिम जमानत अर्जी हाईकोर्ट से खारिज

बिलासपुर. निलंबित डीजीपी मुकेश गुप्ता की अग्रिम जमानत अर्जी हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। भिलाई के साडा जमीन मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद अग्रिम जमानत अर्जी दायर की गई ती।

भिलाई के सुपेला में साडा जमीन आवंटन के खिलाफ मुकेश गुप्ता पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं 409, 420, 468 के तहत जुर्म दर्ज कर मामले की जांच चल रही है। अपनी संभावित गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दायर की थी। जस्टिस आरसीआस सावंत की एकलपीठ ने 13 अगस्त को सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे शुक्रवार को सुनाया गया। ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने साडा समेत तीन मामले की जांच पर पहले ही रोक लगा दी है।
कोरबा एसपी व एडिशनल एसपी को विभागीय जांच के निराकरण का निर्देश

बिलासपुर. जस्टिस पी सैम कोशी की एकलपीठ ने रिट याचिका की सुनवाई के बाद कोरबा एसपी व एडिशनल एसपी को विभागीय जांच का निराकरण चार महीने में पूर्ण करने का आदेश दिया है।
याचिकाकर्ता एएसआई विजय कैवर्त व हेड कांस्टेबल मथुरा प्रसाद कोरबा में पदस्थ हैं। उनके खिलाफ शिकायत के बाद एसपी जितेंद्र मीणा ने विभागीय जांच कराए जाने की आदेश दिया। जांचकर्ता अधिकारी द्वारा जांच कार्यवाही पूर्ण नहीं किए जाने पर अधिवक्ता अभिषेक पांडेय के माध्यम से याचिका लगाई गई। याचिका मेें कहा गया कि नियमानुसार विभागीय जांच कार्यवाही एक वर्ष में किया जाना चाहिए। लेकिन 28 जुलाई 2018 से शुरु हुई जांच कार्यवाही अबतक पूरी नहीं हो सकी है।

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