दुकानदारों और ग्राहकों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देंगे।
गौरतलब है कि चांटीडीह स्थित मेलापारा में महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर वर्ष 1925 से लगातार हर साल मेले का आयोजन किया जाता है। अरपा किनारे आयोजित मेले में कहा जाता है कि यहां चारों धाम के दर्शन होते हैं और कोने-कोने से व्यापारी आते हैं।
इस बार आयोजकों ने पत्रिका के स्वर्णिम भारत अभियान से जुड़कर मेले में साफ-सफाई रखने और प्लास्टिक का उपयोग न करने व न करने देने की शपथ ली।
गौरतलब है कि चांटीडीह स्थित मेलापारा में महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर वर्ष 1925 से लगातार हर साल मेले का आयोजन किया जाता है। अरपा किनारे आयोजित मेले में कहा जाता है कि यहां चारों धाम के दर्शन होते हैं और कोने-कोने से व्यापारी आते हैं।
इस बार आयोजकों ने पत्रिका के स्वर्णिम भारत अभियान से जुड़कर मेले में साफ-सफाई रखने और प्लास्टिक का उपयोग न करने व न करने देने की शपथ ली।