स्कूल में मोबाइल हैं प्रतिबंधित
शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की लापरवाही और बच्चों की पढ़ाई में ध्यान न देने की शिकायत पर शासकीय स्कूल में मोबाइल प्रतिबंधित कर दिया था तथा इसकी सूचना प्रत्येक स्कूल में दे दी गई थी। इसके बाद भी शिक्षकों के कान में जूं तक नहीं रेंगी और क्लास रुम में बेधड़क होकर मोबाइल में फिल्म देखकर अपना समय व्यतीत कर रहे हैं।
पांचवी के बच्चों ने नहीं आती दस तक गिनती
ग्राम कनेरी में प्रायमरी और मिडिल स्कूल का संचालन एक साथ होता है। जहां 150 के करीब छात्र-छात्राएं अध्ययन करने आते हैं। इस स्कूल में पढ़ाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति किया जाता है। उक्त स्कूल में पढऩे वाले कक्षा 5 वीं के छात्रों को दस तक गिनती नहीं आती। पढ़ाई के गिरते स्तर के कारण कई पालक अपने बच्चों को मजबूरी में निजी स्कूलों में पढऩे भेज रहे हैं।
मोबाइल फोन उपयोग हैं वर्जित
शिक्षकों को स्कूल के दौरान मोबाइल फोन का उपयोग करना पूरी तरह वर्जित कर दिया गया है। इसकी सूचना सभी स्कूलों में भेजवा दी गई है। शिकायत मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
-आरएन हीराधर, जिला शिक्षा अधिकारी, बिलासपुर
नोटिस देकर कार्रवाई करेंगे
कल मैं अफसरों को जांच के लिए भेजूंगा। अगर शिकायत सही पाई गई तो प्रिंसिपल और शिक्षक को नोटिस देकर कार्रवाई किया जाएगा। वहीं ग्रामीणों से भी चर्चा की जाएगी।
-पीएस बेदी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, बिल्हा ब्लॉक
मोबाइल छीन लिया
गुरुवार को मैं किचन गार्डन के निर्माण के बारे में चर्चा कर रहा था। तभी दो ग्रामीण आकर मुझसे मोबाइल छिन लिए तथा बच्चों को नहीं पढ़ाते हो कहकर बहस करने लगे। डायल 112 ने आकर मामले को शांत कराया।
– प्रेम प्रसाद तिवारी, प्रिंसिपल, प्रायमरी स्कूल, ग्राम कनेरी