scriptशिक्षक स्कूल में बैठकर मोबाइल पर देखते थे फिल्में, एक दिन पहुंच गए बच्चों के परिजन और फिर हुआ ये बवाल | Teacher caught watch movie on mobile | Patrika News

शिक्षक स्कूल में बैठकर मोबाइल पर देखते थे फिल्में, एक दिन पहुंच गए बच्चों के परिजन और फिर हुआ ये बवाल

locationबिलासपुरPublished: Sep 14, 2019 12:20:48 pm

Submitted by:

Murari Soni

शासकीय स्कूल के शिक्षक मोबाइल में देख रहे थे फिल्म, पालकों ने विरोध कर छीन लिया मोबाइल

शिक्षक स्कूल में बैठकर मोबाइल पर देखते थे फिल्में, एक दिन पहुंच गए बच्चों के परिजन और फिर हुआ ये बवाल

शिक्षक स्कूल में बैठकर मोबाइल पर देखते थे फिल्में, एक दिन पहुंच गए बच्चों के परिजन और फिर हुआ ये बवाल

बिलासपुर. शासकीय स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के शिक्षा का स्तर अगर देखना हैं तो किसी भी ग्रामीण क्षेत्र के शासकीय स्कूल में जाकर देख सकते हैं। वहां के प्रिंसिपल और शिक्षक कितने गंभीर है बच्चों को शिक्षा देने में इसका अंदाजा आपको आासनी से लग जाएगा। जहां पर प्रिंसिपल और शिक्षक बच्चों को पढऩा छोड़कर पूरे समय मोबाइल में फिल्म देखने मशगूल रहते हैं। जबकि शिक्षा विभाग ने स्कूल समय पर मोबाइल का उपयोग करना प्रतिबंधित करने का आदेश दिया हैं इसके बावजूद पूरे समय मोबाइल में व्यस्त रहकर अपनी हाजिरी लगा रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला बिल्हा ब्लॉक के ग्राम कनेरी में संचालित प्रायमरी स्कूल का आया है। यहां पर प्रिंसपल और शिक्षक बच्चों को पढ़ाना छोड़कर मोबाइल में व्यस्त नजर आते हैं। जिसकी शिकायत बच्चों ने अपने परिजनों से कई कर चुके थे, लेकिन परिजन उनकी बातों पर ध्यान नहीं दे रहे थे। बच्चों द्वारा लगातार शिकायत करने पर पालक गुरुवार को स्कूल का मुआयना करने पहुंचे। जहां पर प्रायमरी स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षक मोबाइल में फिल्म देख रहे थे। वहीं बच्चे पढ़ाई छोड़कर मैदान में खेल रहे थे। पालकों ने जब इसका विरोध किया तो शिक्षकों उन्हें फटकार लगाते हुए स्कूल से बाहर चले जाने को है। शिक्षकों द्वारा इस तरह व्यवहार करने से पालक आक्रोशित हो गए और उनका मोबाइल छिनकर अपने पास रख लिए। मामला बिगड़ता देख प्रिंसिपल प्रेम प्रसाद तिवारी और शिक्षक राकेश सिंह पोर्ते अपने आप को स्कूल के कमरे में बंद कर लिया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना डायल 112 दी, सूचना मिलते ही डायल 112 की टीम मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों और शिक्षकों के बीच समझौता कर मोबाइल वापस करवाया।
स्कूल में मोबाइल हैं प्रतिबंधित
शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की लापरवाही और बच्चों की पढ़ाई में ध्यान न देने की शिकायत पर शासकीय स्कूल में मोबाइल प्रतिबंधित कर दिया था तथा इसकी सूचना प्रत्येक स्कूल में दे दी गई थी। इसके बाद भी शिक्षकों के कान में जूं तक नहीं रेंगी और क्लास रुम में बेधड़क होकर मोबाइल में फिल्म देखकर अपना समय व्यतीत कर रहे हैं।
पांचवी के बच्चों ने नहीं आती दस तक गिनती
ग्राम कनेरी में प्रायमरी और मिडिल स्कूल का संचालन एक साथ होता है। जहां 150 के करीब छात्र-छात्राएं अध्ययन करने आते हैं। इस स्कूल में पढ़ाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति किया जाता है। उक्त स्कूल में पढऩे वाले कक्षा 5 वीं के छात्रों को दस तक गिनती नहीं आती। पढ़ाई के गिरते स्तर के कारण कई पालक अपने बच्चों को मजबूरी में निजी स्कूलों में पढऩे भेज रहे हैं।
मोबाइल फोन उपयोग हैं वर्जित
शिक्षकों को स्कूल के दौरान मोबाइल फोन का उपयोग करना पूरी तरह वर्जित कर दिया गया है। इसकी सूचना सभी स्कूलों में भेजवा दी गई है। शिकायत मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
-आरएन हीराधर, जिला शिक्षा अधिकारी, बिलासपुर
नोटिस देकर कार्रवाई करेंगे
कल मैं अफसरों को जांच के लिए भेजूंगा। अगर शिकायत सही पाई गई तो प्रिंसिपल और शिक्षक को नोटिस देकर कार्रवाई किया जाएगा। वहीं ग्रामीणों से भी चर्चा की जाएगी।
-पीएस बेदी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, बिल्हा ब्लॉक
मोबाइल छीन लिया
गुरुवार को मैं किचन गार्डन के निर्माण के बारे में चर्चा कर रहा था। तभी दो ग्रामीण आकर मुझसे मोबाइल छिन लिए तथा बच्चों को नहीं पढ़ाते हो कहकर बहस करने लगे। डायल 112 ने आकर मामले को शांत कराया।
– प्रेम प्रसाद तिवारी, प्रिंसिपल, प्रायमरी स्कूल, ग्राम कनेरी
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो