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Teacher’s Day 2019: ये चलाते हैं आदिवासी बच्चों की ‘सुपर फिफ्टी’ , पूर्व रक्षामंत्री स्व. मनोहर पर्रिकर भी हुए थे कायल

locationबिलासपुरPublished: Sep 05, 2019 02:11:30 pm

Submitted by:

Saurabh Tiwari

शिक्षक दिवस: क्षमता बढ़ाने कर रहे हैं प्रयास

Teacher's Day 2019: ये चलाते हैं आदिवासी बच्चों की ‘सुपर फिफ्टी’ , पूर्व रक्षामंत्री स्व. मनोहर पर्रिकर भी हुए थे कायल

Teacher’s Day 2019: ये चलाते हैं आदिवासी बच्चों की ‘सुपर फिफ्टी’ , पूर्व रक्षामंत्री स्व. मनोहर पर्रिकर भी हुए थे कायल

बिलासपुर. पूरे विश्व में शिक्षा को सबसे सर्वश्रेष्ठ माना गया हैं। शिक्षा देने वाले गुरु की तुलना भगवान से बढकऱ की गई हैं। माता-पिता के बाद गुरु ही एक ऐसा शख्स होता हैं जो अपने विद्यार्थियों को आगे बढऩे के लिए प्रेरित करता है तथा उनकी तरक्की को अपनी तरक्की समझता है। शहर में गुरुकुल एकेडमी के संचालाक ब्रजेन्द्र शुक्ला ने बताया कि हमारे देश में एक से बढकऱ प्रतिभावान छात्र हैं जो सही दिशा न मिलने के कारण देश की सेवा करने से वंचित हैं। अगर इन्हें सही दिशा मिल जाए तो देश का कायाकल्प कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि सन् 2005 से उनकी एकेडमी में प्रतिवर्ष 50 आदिवासी छात्रों को नि:शुल्क कोचिंग दिलाई जाती है। जिसमें करीब 150 बच्चे सरकारी पदों में पदस्थ होकर देश की सेवा कर रहे हैं। इसके अलावा कई छात्र हैं ऐसे हैं शिक्षा की अलख जलाकर हमारी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। इन बच्चों को शिक्षा देना, इन्हें शिक्षित करना और जीवन के पथ पर आगे बढऩे के लिए प्रेरित करना काफी सुखद अनुभव है।
पूर्व रक्षामंत्री स्व. मनोहर पर्रिकर भी हुए थे कायल
16 अगस्त 2015 में पूर्व रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर गुरुकुल एकेडमी का निरीक्षण करने आए थे। इस दौरान छात्रों ने ब्रजेन्द्र शुक्ला को आते देख अपने स्थान पर खड़े होकर ताली बजाकर स्वागत किया था। जिसे देखकर रक्षामंत्री भाव-विभोर हो गए और कहा कि ऐसी तालियां तो मुझे गोवा में भी नसीब नहीं होती, जैसी ब्रजेन्द्र शुक्ला के लिए बिलासपुर में बज रही है। इस संस्था में सुपर 30 के आनंद कुमार जैसी महान हस्ती भी आ चुकी है। जो संस्था की कार्य को देखकर प्रशंसा कर चुके हैं।
शिक्षा के साथ पर्यावरण संरक्षण की जानकारी
ब्रजेन्द्र शुक्ला ने बताया कि हमारी संस्था का उद्देश्य बच्चों को शिक्षा देने के साथ-साथ उन्हें पर्यावरण के लिए भी सचेत करना हैं। वनवासी विकास समिति के निर्माण प्रकल्प की स्थापना 2010 में की गई थी, जहां जरूरतमंद बच्चों को अनुशासन का पाठ पढ़ाया जाता है। इसके अलावा उन्हें पर्यावरण को बचाने के लिए जागरूक किया जाता है। संस्था द्वारा प्रतिवर्ष मरवाही क्षेत्र में रहने वाले निवासियों को पर्यावरण की जानकारी दी जाती है। इसके अलावा 10 वीं और 12 वीं क्लास के बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक व सामग्री आदि का वितरण किया जाता है। साथ ही साथ हजारों बच्चों को नि:शुल्क कोचिंग देने का प्रयास भी किया जा रहा है।
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