कोण्डागांव, बालोद और बिलासपुर एसपी टीम में शामिल, महासमुंद, रायगढ़, धमतरी, बालोद, बिलासपुर और कोण्डागांव के 100 पुलिस की बनी टीम
विराट अपहरण कांड: बिहार व यूपी के प्रोफेशनल गिरोह पर संदेह, डीजीपी ने बनाई 100 पुलिस कर्मियों की टीम
बिलासपुर. विराट अपहरण कांड में आरोप छोटे-मोटे अपहरण गिरोह का नहीं बल्कि प्रोफेशनल किडनैपरों का हाथ है। इसका खुलासा मंगलवार को हुआ जब डीजीपी डीएम अवस्थी ने अपहरण करने वालों को पकडऩे और विराट को सही सलामत परिजनों तक पहुंचाने के लिए कोंण्डागांव, बालोद और बिलासपुर एसपी समेत 100 पुलिस कर्मियों की टीम बनायी। अधिकारियों की टीम करीब 250 से अधिक संदेहियों को हिरासत मेंं लेकर पूछताछ कर चुकी है, लेकिन पुलिस के हाथ खाली हैं। करबला रोड भाजपा कार्यालय के सामने कश्यप कॉलोनी गली में बर्तन व्यापारी के एकलौते बेटे विराट सराफ (6 ) के अपहरण के मामले में आरोपियों का सुराग लगाने में बिलासपुर पुलिस सफल नहीं हुई है। डीजीपी डीएम अवस्थी ने हाई प्रोफाइल मामले में आरोपियों को पकडऩे के लिए 3 जिलों के पुलिस अधीक्षकों समेत 6 जिलों के पुलिस कर्मियों की टीम बनाई है। आरोपियों को पकडऩे के लिए बिलासपुर एसपी अभिषेक मीणा, बालोद एसपी एमएल कोटवानी, कोंडागांव एसपी सुजीत कुमार को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इसके अलावा टीम में महासमुंद, रायगढ़, धमतरी , बालोद, बिलासपुर और कोण्डागांव के करीब 100 पुलिस कर्मियों को शामिल किया गया है। डीजीपी अवस्थी ने बिलासपुर आईजी प्रदीप गुप्ता के नेतृत्व में टीम को काम करने के निर्देश दिए हैं। रविवार देर रात टीम में शामिल बालोद एसपी एमएल कोटवानी और दूसरे अधिकारी की टीम ने रायपुर और दूसरे जिलो में भेजी गई थी। बाहर भेजी गई टीम और बिलासपुर में काम कर रही स्थानीय पुलिस की टीम अब तक करीब 250 से अधिक संदेहियों से पूछताछ कर चुकी है, लेकिन टीम को अब तक सफलता नहीं मिली है।
भिलाई में आदित्य शाह किडनैप कांड जैसा मामला विराट के अपहरण का मामला दिसंबर 2011 में भिलाई में उद्योगपति के बेटे आदित्य शाह के अपहरण कांड से मिलता जुलता है। दिसंबर 2011 में भिलाई निवासी व उद्योगपति के बेटे आदित्य शाह (16 ) का घर से स्कूल जाने के लिए बस स्टॉप जाते समय सुबह पौने 7 बजे अपहरण चार पहिया वाहन से किया था। अपहरण के करीब 1 सप्ताह तक परिजनों को अपहरणकर्ताओं का कॉल नहीं आया था। भिलाई पुलिस आरोपियों का सुराग लगाने का प्रयास करती रही।
एक सप्ताह के बाद अपहरणकर्ताओं का कॉल आने के बाद पुलिस को आरोपियों के लोकेशन का पता चला। आरोपी लगातार जबलपुर, बैतूल, आमला, और नागपुर में घूम रहे थे। करीब 15 दिनों के बाद आरोपियों ने फिरौती की रकम नागपुर में छोडऩे की बात कही थी। आरोपियों के बताए गए स्थान पर रकम पहुंचाई गई थी। रकम मिलने के बाद आरोपियों ने आदित्य को नागपुर में छोड़कर भाग गए थे।
जांच में पुलिस को पता चला था कि आरोपियों ने अपहरण के लिए जिस कार का उपयोग किया था उसे मध्यप्रदेश बालाघाट के किरनापुर से लूटा गया था लूट की कार में अपहरण करने के बाद भिलाई स्थित सेक्टर -9 स्थित अस्पताल की पार्र्किंग में छोड़कर भाग गए थे। 8 साल के बाद भी पुलिस अपहरण गिरोह का सुराग नहीं लगा पाई। विराट के अपहरण का मामला भी भिलाई आदित्य अपहरण कांड से मिलता जुलता है। घटना को 4 दिन बीत चुके है, लेकिन अपहरण करने वालों ने अब तक परिजनों को कॉल नहीं किया है।
बिहार व यूपी के गिरोह पर संदेह सीसीटीवी कैमरे से मिले विराट का अपहरण करने वाले आरोपी की तस्वीर देखकर पुलिस अनुमान लगा रही है कि आरोपी का पहनावा यूपी और बिहार के अपहरण करने वाले गिरोह के सदस्यों जैसा है। जिन कपड़ों में अपहरणकर्ता दिखा है वह यूपी और बिहार में पहने जाते हैं। पुलिस पुराने प्रोफशनल किडनैपिंग गैंग की जानकारी जुटा रही है।