मनेन्द्रगढ़ हायर सेकंडरी स्कूल में कार्यरत व्याख्याता बलराज दास ने अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से याचिका प्रस्तुत कर बताया कि उसके पिता की मृत्यु वर्ष 1979 में हुई थी। उनके बडे पुत्र बलराम दास द्वारा अनुकंपा नियुक्ति नहीं लेने पर उनके छोटे पुत्र याचिकाकर्ता बलराज दास को 1994 में अनुकंपा नियुक्ति मिली और वर्तमान मे वह व्याख्याता के पद पर कार्यरत है l उसके बडे भाई बलराज दास ने यह आरोप लगाते हुए कि याचिकाकर्ता उन्हें भरण-पोषण के लिए कोई राशि नहीं दे रहा है, डीईओ के समक्ष छोटे भाई के वेतन से भरण-पोषण के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। डीईओ ने याचिकाकर्ता के वेतन से हर माह 5 हजार रुपए काटकर देने और 1994 से एरियर्स के रूप में 2000 प्रतिमाह की दर से वेतन से कटौती कर बड़े भाई को देने के आदेश दिए। याचिका में बताया गया कि बड़ा भाई शुरू से ही पुश्तैनी संपति लेकर अलग हो गया है। याचिकाकर्ता ने अपनी बहनों की शादी की और माँ की भी पूरे जीवनकाल तक सेवा की l समय समय पर भाई को भी राशि दी l अनुकंपा नियुक्ति निर्देश में और नियुक्ति आदेश में कोई शर्त नहीं है कि भाई को राशि देनी है इस कारण डीईओ का आदेश पूर्णतःअवैधानिक है। सुनवाई के बाद जस्टिस आरसीएस सामंत ने डीईओ और भाई बलराम दास को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ता के खिलाफ जारी वसूली आदेश पर रोक लगा दी।