scriptबंदिशों में कटी खुद की जिंदगी पर अपनी तीन बेटियों को सिखाया खेल का हुनर, अब देश के लिए मेडल जीत रहीं यही बेटियां | The story of the mother of Bilaspur, who made daughters to Player | Patrika News

बंदिशों में कटी खुद की जिंदगी पर अपनी तीन बेटियों को सिखाया खेल का हुनर, अब देश के लिए मेडल जीत रहीं यही बेटियां

locationबिलासपुरPublished: Oct 03, 2021 04:56:18 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

झूमा कहती हैं कि तीन बेटियां होने की वजह से समाज उन्हें सहानुभूति की नजर से देखता है, लेकिन वह परवाह नहीं करतीं।

बंदिशों में कटी खुद की जिंदगी पर अपनी तीन बेटियों को सिखाया खेल का हुनर, अब देश के लिए मेडल जीत रहीं यही बेटियां

बंदिशों में कटी खुद की जिंदगी पर अपनी तीन बेटियों को सिखाया खेल का हुनर, अब देश के लिए मेडल जीत रहीं यही बेटियां

क्रांति नामदेव @बिलासपुर. वह बेटियों को बेहतर मुकाम पर पहुंचाने के लिए उनसे पहले उठ जाती हंै, सुबह चार बजे उठकर बेटियों को जगाती हैं, फिर उन्हें प्रैक्टिस के लिए ले जाती है। बेटियां भी अपनी मां की मेहनत पर खरी उतर रही हैं। शहर की गृहिणी झूमा लाहा शादी से पहले कोलकाता रहती थीं, जहां तमाम तरह की बंदिशें उन पर लाद दी गई थीं। वह कहती हैं कि जब उनकी शादी हुई तो पति ने उन्हें पूरी आजादी दी, तब उन्होंने फैसला किया कि बेटियों को हर बंदिशों से न सिर्फ दूर रखेंगी, बल्कि उनसे लडऩा भी सिखाएंगी। झूमा कहती हैं कि तीन बेटियां होने की वजह से समाज उन्हें सहानुभूति की नजर से देखता है, लेकिन वह परवाह नहीं करतीं।
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बेटी को बनाया राष्ट्रीय स्तर की तैराक
झूमा के पति काम के सिलसिले में सिलिगुड़ी रहते हैं। पति की गैर मौजूदगी में तीन बेटियों की जिम्मेदारी उन पर है। बड़ी बेटी जनियाना लाहा और मंझली बेटी जैस्मिन लाहा पढ़ाई के साथ-साथ तैराकी प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रही हैं। सबसे छोटी बेटी श्रोतोस्वनी लाहा को तैराकी के गुर सिखाने के प्रयास जारी हैं।
बेटियों को मुकाम तक पहुंचाने के लिए दृढ़ संकल्पित हूं
झूमा लाहा रोज सुबह 4 बजे बेटियों को तैयारी की प्रैक्टिस करवाने तरणताल लेकर निकल पड़ती हैं। वह अपनी बेटियों से कहती हैं कि अभी का समय ही महत्त्वपूर्ण है, जो करना है, करती रहो। झूमा कहती हैं कि बेटियां जब गोल्ड मेडल जीतती हैं, तो उन्हें बचपन याद आता है और संतोष होता है कि बेटियां उनकी तरह नहीं हैं। शिक्षा और खेलों में नाम रोशन कर रही हैं। झूा लाहा कहती है कि मुझे कई बार लोग कहते हैं कि तुम्हारी तीन बेटियां हैं, इन्हें घर का काम सिखाओ, मैं लोगों की परवाह नहीं करती। मैं अपनी बेटियों को ऊंचे मुकाम पर पहुंचाने के लिए दृढ़ संकल्पित हूं।

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