आने वाला साल होगा शादी-ब्याह के लिए खास
शुक्र अस्त होने व अधिमास से निर्मित हो रहा योग

बिलासपुर . वैसे तो विवाह की तिथि हर साल होती है। यदि साल २०१८ में माता-पिता अपने बच्चों के हाथ पीले करने की सोच रहे हैं, तो जल्द ही विवाह की तिथि तय कर लें। आने वाला साल विवाह की दृष्टि से बेहतर है। लेकिन सिर्फ ४५ मुहूर्त हैं, जिसमें विवाह हो सकेंगे। एेसे में विवाह की इच्छा रखने वाले शुक्र अस्त होने से पूर्व व अधिमास के बाद विवाह के कार्यक्रम कर सकते हैं।
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक विवाह का कारक ग्रह शुक्र को माना जाता है। वर्ष २०१८ में शुक्र के कई बार अस्त होने के कारण विवाह नहीं होंगे। साथ ही साथ अधिमास होने से विवाह के लिए अधिक इंतजार करना पड़ सकता है। ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुविद डॉ. दीपक शर्मा ने बताया कि वर्ष २०१८ में अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक, जनवरी से दिसंबर तक ४५ मुहूर्त हैं। जनवरी में एक भी मुहूर्त नहीं हैं। इसके बाद मार्च में होलाष्ट के कारण कुछ दिनों तक विवाह की तिथि नहीं होंगी। इसी तरह अप्रैल में भी विवाह के कम मुहूर्त हैं। नवंबर माह में शुक्र अस्त होने से पुन: विवाह के मुहूर्त नहीं होंगे।
मुहूर्त कम होने के ये चार कारण
पूरे साल में चार बार विवाह मुहूर्तो पर विराम लगेगा। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक जनवरी में शुक्र अस्त रहने से मुहूर्त नहीं बन रहे। १५ मार्च से १६ अप्रैल के बीच खरमास यानी की सूर्य मीन राशि में रहेगा। मीन की संक्रांति में विवाह विर्जत माने गए हैं, इसलिए विवाह नहीं होंगे। १६ मई से १३ जून तक अधिकमास होगा। इस दौरान भी विवाह कार्य नहीं होंगे। नवंबर में देवउठनी एकादशी के साथ विवाह कार्य प्रारंभ हो जाते हैं, लेकिन गुरु अस्त रहेगा। इसलिए नवंबर में विवाह नहीं होंगे।
अधिमास के कारण मुहूर्त कम
ज्योतिषाचार्य डॉ. उद्धव श्याम केसरी ने बताया कि वर्ष २०१८ में अधिमास होने के कारण विवाह के मुहूर्त कम होंगे। वैसे भी जब अधिमास होता है तो मुहूर्त में कमी अवश्य आती है।
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