scriptरेलवे में ड्यूटीरत कर्मचारियों को मास्क की कमी न हो घरों में महिलाओं ने बनाए 50 हजार से अधिक मास्क | There is no shortage of masks for duty-bound employees in railways, | Patrika News

रेलवे में ड्यूटीरत कर्मचारियों को मास्क की कमी न हो घरों में महिलाओं ने बनाए 50 हजार से अधिक मास्क

locationबिलासपुरPublished: Apr 08, 2020 09:29:04 pm

Submitted by:

Kranti Namdev

महिलाओं ने 50 हजार से अधिक मास्क बनाकर बाट चुकी है वही मास्क बनाने का काम अब भी चल रहा है।

मास्क की कमाई से जल रहा चूल्हा, घर बैठे महिलाओं को रोजगार

मास्क की कमाई से जल रहा चूल्हा, घर बैठे महिलाओं को रोजगार


बिलासपुर. एसईसीआर जोन में लगातार माक्स की कमी बनी हुई है। बाजार व कम्पनी में मास्क उपलब्ध न होने के कारण रेलवे अधिकारियों की पहल पर रेलवे कर्मचारियों के परिवार की महिलाएं व महिला रेलवे कर्मचारी घर में ही मास्क बनाकर रेलवे कर्मचारियों को कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में सहायता कर रही है। महिलाओं ने 50 हजार से अधिक मास्क बनाकर बाट चुकी है वही मास्क बनाने का काम अब भी चल रहा है।
जब भी घर में मुसीबत हो तो उससे निपटने घर का हर सदस्य साथ आकर कंधे से कंधा मिलकर एक दुसरे की मद्द करते है। ऐसा ही कुछ एसईसीआर जोन में रेलवे कर्मचारियों के परिवार की सदस्य खासकर महिलाएं कोरोना वायरस के संक्रमण से अपने परिवार व रेलवे कर्मचारियों को बचाने के लिए आगे आई है। रेलवे अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों की पत्नीयां, मां अन्य सदस्य घर में खाली समय निकाल कर मास्क बनाने का काम कर रही है। महिलाओं ने 6 से 7 दिनों के अंदर ही 50 हजार से अधिक मास्क बनाकर रेलवे कर्मचारियों को वितरण करने दिया है। मुसीबत की इस घर घडी में रेलवे कर्मचारियों के साथ ही उनके परिवार की महिलाएं भी कोरोना के संक्रमण को हराने में अपना योगदान दे रही है। वह भी बीना किसी परिश्रम शुल्क लिए।
रेलवे कर रहा मटेरियल का प्रबंध
बिलासपुर मंडल में 45 हजार से अधिक कर्मचारी व अधिकारी कार्यरत है। मालगाडियों को परिचालन को देखते हुए रेलवे का पूरा अमला ही फिल्ड में पसीने बहा रहा है। ऐसे में मास्क की कमी सबसे बड़ी समस्या थी। रेलवे कर्मचारियों की महिलाओं ने इस समस्या को सुझलाते ही रेलवे द्वारा प्रदान मटेरियल से मास्क का निर्माण कर रही है।
रेलवे कर्मचारियों की महिलाओं ने कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में सामने आकर मास्क की कमी को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। महिलाओं के अथक परिश्रम से रेलवे के पास पर्याप्त मास्क की व्यवस्था है। मास्क बनाने का काम अब भी चल रहा है।
साकेत रंजन, सीपीआरओ बिलासपुर जोन
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