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जैविक खाद का रिकॉर्ड उत्पादन, अब बेचने की समस्या पैदा हो गई

locationबिलासपुरPublished: May 24, 2020 05:14:06 am

Submitted by:

GANESH VISHWAKARMA

गौठानों में 144 मीट्रिक टन वर्मी कम्पोस्ट व नाडेप खाद का महिला स्व-सहायता समूहों की महिलाओं ने कर दिया है। अब इसके विक्रय का संकट मंडराने लगा है। उत्पादित खाद आर्गेनिक लैब की मानक में खरा उतरा है।

जैविक खाद का रिकॉर्ड उत्पादन, अब बेचने की समस्या पैदा हो गई

जैविक खाद का रिकॉर्ड उत्पादन, अब बेचने की समस्या पैदा हो गई

बिलासपुर . गौठानों में 144 मीट्रिक टन वर्मी कम्पोस्ट व नाडेप खाद का महिला स्व-सहायता समूहों की महिलाओं ने कर दिया है। अब इसके विक्रय का संकट मंडराने लगा है। उत्पादित खाद आर्गेनिक लैब की मानक में खरा उतरा है।
कृषि में अधिकाधिक वर्मी कम्पोस्ट खाद का उपयोग करने के लिए शासन ,प्रशासन ने अभियान चला रखा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के महत्वाकांक्षी योजना नरवा,गरवा,घुरुवा योजना के तहत जिले में पशुओं का डे केयर सेंटर बनाया गया है। इसी परिसर में महिला स्व -सहायता समूहों को वर्मी कम्पोस्ट खाद व नापेड खाद का उत्पाद किया जा रहा है।
गौठानों में 144 टन खाद तैयार
जिले के गौठानों में महिला स्व सहायता समूहों ने वर्मी कम्पोस्ट खाद भारी मात्रा में उत्पादन कर चुके है। इसकी मात्रा में लगातार वृद्धि हो रहीं है। गौठानों में उत्पादित 144 मीट्रिक टन खाद डंप हो गया है।
मानक में उतरा खरा
स्व सहायता समूहों द्वारा उत्पादित खाद की गुणवत्ता परखने के लिए इसका टेस्ट कराया गया । रायपुर के आर्गेनिक लैब की जांच में समूहों के उत्पादित खाद तय मानक में खरा उतरा है।
बाक्स
1 से लेकर 25 किलो का पैकेट
महिला स्व सहायता समूहों ने 57 गौठानों में एक किलोग्राम , पांच किलो, 10 किलो, 25 किलोग्राम के पैकेट में खाद की पैकिंग की गई है। खुदरा बाजार में इसकी कीमत 25 रुपए किलोग्राम रखा गया है। वहीं किसानों के समूहों द्वारा खरीदी करने दस रुपए किलोग्राम में विक्रय किया जा रहा है। प्रत्येक समूह में औसतन दस महिलाएं खाद उत्पादन में जुड़ी हुई है
वन,उद्यानिकी को आपूर्ति
जिले के समूहों ने खाद का वन विभाग और उद्यानिकी विभाग को आपूर्ति की गई । इसके बावजूद उत्पादन अधिक होने पर खाद डंप हो गया है।
खाद विक्रय करने मुहिम
जिले में स्व सहायता समूहों के खाद को बेचने के लिए शासकीय विभागों के अलावा निजी संस्थानोंं व किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। ताकि जैविक खाद के विक्रय में तेजी आ सके। समूहों को उनके उत्पाद का लाभ मिल सके।
शंशाक शिंदे , उपसंचालक कृषि ,बिलासपुर
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