scriptबातें 5 लाख के बीमा की, इधर 50 हजार का मामला नहीं सुलझ रहा | Things insured 5 lakhs, the issue of 50 thousand is not settled | Patrika News

बातें 5 लाख के बीमा की, इधर 50 हजार का मामला नहीं सुलझ रहा

locationबिलासपुरPublished: Mar 14, 2018 01:47:38 pm

Submitted by:

Amil Shrivas

नर्सिंग होम संचालकों ने जांच से होने वाली दिक्कतों को लेकर सीएमएचओ के माध्यम से कई बार शासन को अवगत कराया, लेकिन बात नहीं बनी।

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बिलासपुर . एक तरफ देश बात कर रहा है, 5 लाख रुपए के हेल्थ बीमा योजना की। लेकिन यहां मामला ये कि 50 हजार रुपए की मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का मामला ही नहीं सुलझ पा रहा। नर्सिंग होम संचालकों ने स्मार्ट कार्ड से इलाज बंद कर दिया है। इससे गरीब मरीजों के सामने भारी समस्या आ गई है। इसे लेकर मंगलवार को शाम 4 बजे कलेक्टर पी. दयानंद ने अपने कार्यालय में नर्सिंग होम के संचालकों की बैठक ली। नर्सिंग होम संचालकों ने अपनी कई समस्याएं कलेक्टर के सामने रख दी। कलेक्टर ने कहा, शासन द्वारा जांच कराई जा रही है, वह तो होगा ही। अन्य समस्याओं का निराकरण किया जा सकता है, स्मार्ट कार्ड से इलाज शुरू करें। लेकिन नर्सिंग होम संचालकों ने तत्काल इस पर सहमति नहीं दी। उन्होंने आईएमए के सदस्यों ने चर्चा करके निर्णय लेने की बात कही। गौरतलब है कि स्मार्ट कार्ड से इलाज व भुगतान को लेकर कई गड़बडिय़ां सामने आने के बाद राज्य शासन द्वारा जांच के आदेश दिए गए हैं। इससे नर्सिंग होम संचालकों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। नर्सिंग होम संचालकों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। नर्सिंग होम संचालकों ने जांच से होने वाली दिक्कतों को लेकर सीएमएचओ के माध्यम से कई बार शासन को अवगत कराया, लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद सोमवार को 65 नर्सिंग होम संचालकों ने सीएमएचओ को सूचित करके स्मार्ट कार्ड से मरीजों का इलाज बंद कर दिया। इससे मरीजों व परिजनों के सामने दिक्कतें बढ़ गई हैं। पिछले दो दिन से मरीजों को निजी अस्पताल से बिना इलाज के लौटा दिया जा रहा है। ठीक विधानसभा चुनाव के पहले इस तरह की समस्या भारी पड़ सकती है। इसे लेकर कलेक्टर पी. दयानंद ने मंगलवार को शाम 4 बजे नर्सिंग होम संचालकों की बैठक बुलाई थी। इसमें सीएमएचओ बीबी बोर्डे भी मौजूद थे।
रोजाना 200 से अधिक मरीज लौट रहे : स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, 65 नर्सिंग होम ने स्मार्ट कार्ड से इलाज बंद कर दिया है। प्रतिदिन एक अस्पताल में चार से पांच मरीजों का और सभी अस्पतालों में प्रतिदिन लगभग 200 मरीजों का इलाज होता था। स्मार्ट कार्ड बंद होने से मरीज अब ऐसे मरीजों को बिना इलाज लौटना पड़ रहा।
राज्य शासन कर रही है मामले की जांच : नर्सिंग होम संचालकों के साथ बैठक हुई है। राज्य शासन द्वारा जिस मामले में जांच की जा रही है, वह चलता रहेगा। अन्य समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया गया है। मैंने स्मार्ट कार्ड से इलाज करने के निर्देश दिए हैं। डॉक्टरों ने आईएमए के अन्य सदस्यों ने चर्चा कर बुधवार तक जानकारी देने की बात कही है।
पी. दयानंद, कलेक्टर बिलासपुर
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