बाड़ी में गौठान से प्राप्त वर्मी खाद का उपयोग कर मेथी, पालक, लालभाजी, धनिया उगाई जा रही है। जिससे जैविक भाजी का स्वाद लोगों को मिलेगा। इन महिलाओं की मांग पर कलेक्टर ने आलू, जिमीकंद, गाजर, मूली, शलजम के बीज एवं पौधे उन्हें उपलब्ध कराने हेतु उद्यानिकी विभाग को निर्देशित किया।
कलेक्टर ने समूह की गतिविधियां बढ़ाने के लिये उन्हें प्रशिक्षित करने के निर्देश दिये। इन समूहों का विधिवत पंजीयन करने और उनका बैंक खाता खुलवाने हेतु भी निर्देशित किया गया। कलेक्टर ने कहा कि गौठान के चारों ओर मेहंदी के पेड़ लगाये जाये। जिससे पर्यावरण को फायदा होगा। साथ ही उनके पत्तों को सुखाकर महिलायें बेचेंगी। जिससे उन्हें आय भी होगी। कलेक्टर ने समूह की महिलाओं से चर्चा की और उन्हें अन्य गतिविधियों के लिये प्रोत्साहित भी किया। उद्यानिकी विभाग द्वारा वर्मी खाद उत्पादन करने वाली महिलाओं को निःशुल्क तौल कांटा, वर्मी बेड और ड्रम प्रदान किया गया। गौठान में करीब 8 एकड़ से अधिक क्षेत्र में चारागाह विकास किया गया है। जिससे गौठान में आने वाले मवेशियों को भरपूर चारा उपलब्ध हो रहा है। कलेक्टर ने चारागाह का भी निरीक्षण किया। उन्होंने गौठान समिति का शीघ्र गठन हेतु भी निर्देश दिये।
इस अवसर पर जिला पंचायतके मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रितेश कुमार अग्रवाल सहित पशुपालन, कृषि एवं अन्य संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।