बिलासपुर

होली पर मांद ग्रहण, क्या होगा प्रभाव, बदलेगा ग्रहों की चाल? पंडितों से जानें सबकुछ

Holi 2024: होलाष्टक की शुरुआत रविवार से हो गई है। (Solar Eclipse 2024) होलाष्टक के साथ ही शहर में होलिका दहन और धुलेंडी पर्व की तैयारियां शुरू हो गई है। होली के आठ दिन शेष रह जाते हैं..

बिलासपुरMar 18, 2024 / 03:28 pm

चंदू निर्मलकर

CG Holi 2024: इन दिनों सोशल मीडिया पर आगामी 25 मार्च होली पर बड़ा चंद्रग्रहण होने की सूचनाएं चल रही हैं। इसे लेकर लोग भ्रमित हो रहे हैं और पंडितों से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन शहर के पंडितों का कहना है कि होली पर ग्रहण का कोई असर नहीं रहेगा। 24 मार्च को मांद ग्रहण होगा। (Solar Eclipse 2024) इसका कोई भी असर भारत में नहीं होगा। मांद ग्रहण, ग्रहण की श्रेणी में नहीं आता है। इसलिए न तो इसका सूतक मान्य किया जाता है और न ही इसका कोई दोष लगता है।
होलाष्टक की शुरुआत रविवार से हो गई है। होलाष्टक के साथ ही शहर में होलिका दहन और धुलेंडी पर्व की तैयारियां शुरू हो गई है। होली के आठ दिन शेष रह जाते हैं। मान्यता है कि होली के आठ दिन पहले भक्त प्रहलाद पर हिरण्यकश्यप की यातनाएं बढ़ गई थीं, इसलिए इन आठ दिनों को दुख के दिन के रूप में जाना जाता है।
ऐसे में कई लोग होलाष्टक के दौरान शुभ कार्य नहीं करते हैं, हालांकि पंडितों का कहना है कि होलाष्टक का दोष मध्यभारत में नहीं लगता है। होलाष्टक के साथ ही रविवार को शहर में अनेक स्थानों पर होलिका दहन के लिए ध्वज लगाए गए। होलाष्टक 24 मार्च होलिका दहन तक रहेगा। होलाष्टक के दौरान कई लोग शुभ कार्य नहीं करते हैं। इन दिनों खरमास भी चल रहा है, ऐसे में पहले से ही मांगलिक कार्यों पर विराम लगा हुआ है।
ज्योतिषाचार्य पं. जागेश्वर अवस्थी ने बताया कि कई लोग ग्रहण की जानकारी ले रहे हैं, लेकिन होली पर ग्रहण नहीं है। फाल्गुन पूर्णिमा पर होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है। इस बार पूर्णिमा 24 मार्च को सुबह 9.32 बजे शुरू होगी और 25 मार्च को सुबह 11.37 तक रहेगी। इस दिन ग्रहण जैसी स्थिति नहीं है, बल्कि चंद्रमा पृथ्वी की प्रतिछाया से होकर गुजरेगा। ग्रहण की श्रेणी में नहीं आता है। सिर्फ चंद्रमा की चमक थोड़ी कम हो जाएगी, शास्त्रों में न तो कोई सूतक माना जाता है और न राशियों पर किसी प्रकार से इसका प्रभाव पड़ता है।
इसलिए होलिका दहन अथवा धुलेंडी पर्व पर किसी भी प्रकार के ग्रहण का असर नहीं रहेगा। ज्योतिषाचार्यों ने बताया कि यह एक आंशिक चंद्रग्रहण होगा। यह भारत में दिखाई नहीं देगा। यह विदेशों में देखा जा सकेगा। जब यह ग्रहण पड़ेगा, उस समय भारत में सुबह होगी।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया से होकर गुजरता है, तब चंद्रग्रहण पड़ता है, लेकिन जब प्रतिछाया से होकर गुजरता है तो उसकी चमक फीकी हो जाती है। इसलिए इसे मांद ग्रहण कहा जाता है। इसे भारतीय ज्योतिष में युति या समागम कहा जाता है। यह ग्रहण की श्रेणी में नहीं आता है। इसे खगोलीय घटना के रूप में देखा जा सकता है। 2024 में 3 ग्रहण होंगे, इसमें से कोई भी ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।

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