मुख्यमंत्री शहरी कार्यात्मक साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जहां ई . साक्षरता केंद्रों के माध्यम से शहरी क्षेत्रों के झुग्गी आवासों में निवासरत महिला समूहों को नि:शुल्क परिणाममूलक कम्यूटर एवं मोबाइल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें 14 से 60 वर्ष के आयु समूह के लोगों को प्रशिक्षण देने के लिए ई साक्षरता केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है । छत्तीसगढ़ शासन का नवाचारी कार्यक्रम गढ़बो डिजिटल छत्तीसगढ़ थीम पर यह केंद्र संचालित है। ई साक्षरता केंद्र बंधवापारा सरकंडा में एक ही घर से देवरानी विरूपाक्ष स्वरमाला महार एवं जेठानी निर्मला महार ने भी पूरे पाठ्यकम के प्रशिक्षण उपरांत ऑनलाइन परीक्षा दी ।
एक माह का पाठ्यक्रम
एक माह के पाठ्यक्रम में 25 – 25 की बैचों की नियमित प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षाथियों का आंतरिक मल्यांकन व ऑनलाइन बाह्य मूल्यांकन होता है । पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद शिक्षार्थियों का ऑनलाइन मूल्यांकन भी लिया जाता है जिसमें सफल होने वाले शिक्षार्थियों को प्रोत्साहन राशि भी दिए जाने का सरकार द्वारा प्रावधान है ।
प्रशिक्षण की ये सुविधाएं
इस केंद्र में ं कंप्यूटर की बुनियादी जानकारी दी जाती है । इसके साथ वित्तीय साक्षरता, कानूनी साक्षरता ,चुनावी साक्षरता, श्रेष्ठ पालकत्व, ऑनलाइन भुगतान, आत्मरक्षा सहित सोशल मीडिया इत्यादि का भी ज्ञान कराया जाता है । इस प्रशिक्षण में प्रतिदिन बेरोजगार युवक, युवतियां, गृहणी, कामकाजी महिलाएं ,सास – बहू, ननंद ,देवरानी जेठानी सभी कम्प्युटर सीखते हुए अपना भविष्य निखार रहे हैं । ई . साक्षर बनने में लडक़ों की तुलना में लड़कियों ने ज्यादा रुचि दिखाई है ।
बैच पूरे हुए
गढ़बो डिजिटल छत्तीसगढ़ के तहत वंचित समुदाय को कम्यूटर एवं मोबाइल इंटरनेट में साक्षर बनाने का कार्य किया जा रहा है । जिले के अंतर्गत नगर निगम बिलासपुर में सरकंडा तथा नगर पंचायत बिल्हा में अब तक दस -दस बैच पूरे हो चुके हैं । दोनों केंद्रों में अब तक कुल 530 शिक्षार्थी पंजीकृत हुए थे । जिसमें से 503 प्रशिक्षाणार्थियों ने ऑनलाइन वाह्य मूल्यांकन के जरिए सफलता अर्जित की है । सरकंडा के बजरंग चौक बंधवापारा के सामुदायिक भवन में तथा बिल्हा के जनपद प्राथमिक शाला में राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के पाठ्यक्रम अनुसार प्रशिक्षण दिया जा रहा है ।
देवरानी-जेठानी शामिल हुई परीक्षा में
शहर में संचालित ई. साक्षरता के अंतर्गत ऑनलाइन परीक्षा में शुक्रवार को एक ही परिवार की देवरानी -जेठानी एक साथ परीक्षा में शामिल हुई। जिले के दो केंद्रों में अब तक ५०३ लोगों को नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
जितेंद्र पाटले,डीपीओ, जिला लोक शिक्षा समिति,बिलासपुर
एक माह का पाठ्यक्रम
एक माह के पाठ्यक्रम में 25 – 25 की बैचों की नियमित प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षाथियों का आंतरिक मल्यांकन व ऑनलाइन बाह्य मूल्यांकन होता है । पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद शिक्षार्थियों का ऑनलाइन मूल्यांकन भी लिया जाता है जिसमें सफल होने वाले शिक्षार्थियों को प्रोत्साहन राशि भी दिए जाने का सरकार द्वारा प्रावधान है ।
प्रशिक्षण की ये सुविधाएं
इस केंद्र में ं कंप्यूटर की बुनियादी जानकारी दी जाती है । इसके साथ वित्तीय साक्षरता, कानूनी साक्षरता ,चुनावी साक्षरता, श्रेष्ठ पालकत्व, ऑनलाइन भुगतान, आत्मरक्षा सहित सोशल मीडिया इत्यादि का भी ज्ञान कराया जाता है । इस प्रशिक्षण में प्रतिदिन बेरोजगार युवक, युवतियां, गृहणी, कामकाजी महिलाएं ,सास – बहू, ननंद ,देवरानी जेठानी सभी कम्प्युटर सीखते हुए अपना भविष्य निखार रहे हैं । ई . साक्षर बनने में लडक़ों की तुलना में लड़कियों ने ज्यादा रुचि दिखाई है ।
बैच पूरे हुए
गढ़बो डिजिटल छत्तीसगढ़ के तहत वंचित समुदाय को कम्यूटर एवं मोबाइल इंटरनेट में साक्षर बनाने का कार्य किया जा रहा है । जिले के अंतर्गत नगर निगम बिलासपुर में सरकंडा तथा नगर पंचायत बिल्हा में अब तक दस -दस बैच पूरे हो चुके हैं । दोनों केंद्रों में अब तक कुल 530 शिक्षार्थी पंजीकृत हुए थे । जिसमें से 503 प्रशिक्षाणार्थियों ने ऑनलाइन वाह्य मूल्यांकन के जरिए सफलता अर्जित की है । सरकंडा के बजरंग चौक बंधवापारा के सामुदायिक भवन में तथा बिल्हा के जनपद प्राथमिक शाला में राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के पाठ्यक्रम अनुसार प्रशिक्षण दिया जा रहा है ।
देवरानी-जेठानी शामिल हुई परीक्षा में
शहर में संचालित ई. साक्षरता के अंतर्गत ऑनलाइन परीक्षा में शुक्रवार को एक ही परिवार की देवरानी -जेठानी एक साथ परीक्षा में शामिल हुई। जिले के दो केंद्रों में अब तक ५०३ लोगों को नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
जितेंद्र पाटले,डीपीओ, जिला लोक शिक्षा समिति,बिलासपुर