नारकोटिक्स एक्ट के तहत अपराध सिद्ध करने आरोपी से नशीला पदार्थ मिलना जरूरी
हाईकोर्ट ने एक मामले में कहा है कि नारकोटिक्स एक्ट के अपराध सिद्ध करने के लिए नशीला पदार्थ आरोपी के कब्जे में होना चाहिए।
बिलासपुर
Updated: May 10, 2022 07:44:49 pm
बिलासपुर। हाईकोर्ट ने एक मामले में कहा है कि नारकोटिक्स एक्ट के अपराध सिद्ध करने के लिए नशीला पदार्थ आरोपी के कब्जे में होना चाहिए। रायपुर जिले के ग्राम टुंड्रा तहसील बिलाईगढ़ निवासी धनसाय वर्तमान में बिलासपुर जिले के सीपत आवासपारा में परिवार सहित रह रहा है। सीपत पुलिस ने आवासपारा की एक झोपड़ी से पांच बोरी में 167 किलोग्राम गांजे की जब्ती बनाई थी और उसके खिलाफ गांजा बेचने के आरोप में एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की थी। पुलिस ने याचिकाकर्ता धनसाय के विस्र्द्ध विशेष न्यायाधीश के कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। आरोप पत्र के आधार पर विशेष न्यायाधीश ने धनसाय को मादक पदार्थ रखने के आरोप में 15 साल की सजा सुनाई। साथ ही कोर्ट ने जुर्माना भी ठोंका था। विशेष कोर्ट के फैसले के पहले से धनसाय जेल में बंद है। जेल में रहते हुए विशेष अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए उसने हाईकोर्ट में अपील प्रस्तुत की थी। याचिका में कहा कि पुलिस ने जिस झोपड़ी से गांजा की जब्ती बनाई है वह झोपड़ी उसकी नहीं है। वहां वह रहता भी नहीं है। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट के समक्ष बहस के दौरान पुलिस कार्रवाई को द्वेषपूर्ण बताते हुए कहा कि जिस झोपड़ी से पांच बोरी में गांजा जब्ती करने का दस्तावेज पुलिस ने पेश किया है वह टूटी फूटी हुई है। उसमें दरवाजा भी नहीं है। वीरान जगह पर बनी झोपड़ी याचिकाकर्ता की नहीं है और वह वहां रहता भी नहीं है। पुलिस यह बता भी नहीं पा रही है कि जिस झोपड़ी से गांजा की जब्ती बनाई है वह याचिकाकर्ता का ही है। मामले की सुनवाई जस्टिस संजय के अग्रवाल व जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच में हुई। प्रकरण की सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने विशेष कोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए पुलिस की कार्रवाई पर सवालिया निशान उठाते हुए विशेष कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है।

नारकोटिक्स एक्ट के तहत अपराध सिद्ध करने आरोपी से नशीला पदार्थ मिलना जरूरी
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