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मामले की न्यायमूर्ति एनके व्यास की एकल पीठ में सुनवाई हुई। शासन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी, महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा, सुमीर सोढ़ी ने दलील रखी जबकि रमन सिंह व पात्रा के ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी सहित अजय बर्मन, विवेक शर्मा ने पक्ष रखा। कोर्ट ने सभी दलीलों को सुनने के बाद अंतरिम आवेदन पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।यह भी पढ़ें: केंद्र की मोदी सरकार पर कांग्रेस हमलावर, कहा – कोरोना से बचेगी तो महंगाई से मरेगी जनता
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि टूल किट मामले में कांग्रेस ने ही दस्तावेजों को इंटरनेट पर वायरल किया था। पब्लिक डोमेन में उपलब्ध दस्तावेजों पर भाजपा नेताओं ने सिर्फ टिप्पणी की है। शासन के तर्क हैं कि बीजेपी नेताओं ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कांग्रेस पार्टी के नेताओं को बदनाम करने की साजिश की। इसलिए एफआईआर करवाई गई है।