इस बीच ग्रीन सिग्नल हो गया। पायलट ने गाड़ी आगे बढ़ा दी। ट्रेन रफ्तार पकडऩे लगी थी। इंस्पेक्टर पांडेय ने स्लीपर के दरवाजे पर लगे हैंडल को पकड़कर ट्रेन में चढऩे की कोशिश की। इस बीच संतुलन बिगड़ गया और वे नीचे गिर गए। दोनों पैर ट्रैक पर पड़े। ट्रेन के पहिए से दोनों पैर कटकर अलग हो गए। हादसे की सूचना पर लोको पायलट ने गाड़ी रोक दी। घायल इंस्पेक्टर को स्टे्रचर पर उठाकर एम्बुलेंस से कोरबा के ट्रामा अस्पताल पहुंचाया गया। यहां पहुंचने तक शरीर से काफी खून बह गया। अस्पताल में पांडेय का इलाज जारी है। उनकी हालत गंभीर बताई गई है। अस्पताल के डॉक्टर शतदल नाथ ने बताया कि हादसे में इंस्पेक्टर पांडेय का दाहिना पैर घुटने के पास से जख्मी हुआ है। पैर की हड्डी बाहर निकल आई है। बांएं पैर को भी काफी नुकसान पहुंचा है।
स्टेशन पर नहीं है प्लेटफार्म : आरपीएफ की कोरबा चौकी चांपा थाने के अधीन है। चांपा से ही कोरबा चौकी की निगरानी होती है। इंस्पेक्टर एके पांडेय सोमवार को कोरबा प्रवास पर आए थे। यहां से छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में बैठकर चांपा लौट रहे थे। उरगा स्टेशन पर निरीक्षण के लिए उतरे। दोबारा चढऩे की कोशिश में हादसे में घायल हो गए। यहां स्टेशन पर प्लेटफार्म नहीं है। इस वजह से हादसा हुआ।
-आरके सिंह, प्रभारी, आरपीएफ चौकी कोरबा।
-आरके सिंह, प्रभारी, आरपीएफ चौकी कोरबा।