दोपहर करीब 12. 50 के आसपास प्लेटफॉर्म नं. 4 में पहुंची 12834 अहमदाबाद एक्सप्रेस पैंट्रीकार का ठेका क्सालिक कैटरिंग को मिला हुआ है। मैजनर रिकू तोमर ट्रेन लेकर अहमदाबाद जा रहा था। ट्रेन में औचक पहुंचने पर पता चला की पैंट्रीकार के काउंटर में बडे व स्पष्ट अक्षरों में खाने का मेन्यू व मूल्य लिखा होना का जो आदेश है उसका ही पालन नहीं हो रहा है। पैंट्रीकार के किचन में पहुंचने पर देखा गया कि कर्मचारी वासिंग लाइन के पानी को ड्रम में भर रहे है जो काफी गंदा व कचरे से भरा हुआ था। वही ट्रेन के पैंट्रीकार में जगह-जगह गंदगी पसरी हुई थी। इतना ही नहीं ट्रेन के पैंट्रीकार में अत्याधिक खामिया होने के बाद भी रेलवे के अधिकारियों का ध्यान ट्रेन के पैंट्रीकार में नहीं है।
सडे हुए आलू का खाना पकाने में होता है इंस्तेमाल अहमदाबाद एक्सप्रेस के पैंट्रीकार में यात्रियों के लिए पकने वाले भोजन में जिन आलूओं का उपयोग किया जाना था वह सड़े व किड़े लगे हुए थे। जिन्हें साफ कर अलग रखा गया था।
दूसरे ब्रांड का पानी अहमदाबाद एक्सप्रेस में यात्रियों को रेलनीर की जगह पर बीबो कम्पनी का पानी दिया जा रहा है। पैंट्रीकार मैनेजर से जब इसके विषय में पूछा गया तो उनका कहना था कि हावड़ा की ओर रेलनीर नहीं मिलता इसके चलते बीबों का पानी खरीदा था।
खाने का स्तर सुधारने रेलवे चला रहा अभियान रेलवे के पैंट्रीकार में लगातार हो रही शिकायत को दूर करने के लिए रेलवे आईआरसीटीसी के साथ मिलकर कई एक्सपेरीमेंट कर रहा है। पैंट्रीकार में बडे व स्पष्ट अक्षरों में खाने का मूल्य लिखना, क्यूआर कोड़ का स्ट्रीकर, जन आहार से खाना सप्लाई करना, बिल नहीं तो खाना फ्री व ई कैटरिंग सहित कई सुविधा यात्रियों को दे रहा है। आईआरसीटीसी का एक कर्मचारी भी ट्रेन में पैंट्रीकार पर निगरानी रखने के लिए लगाया गया है। इन तमाम व्यवस्था के बाद भी ट्रेनों में पैंट्रीकार मैनेजर सुधरने का नाम नहीं ले रहा है।
ट्रेन के पैंट्रीकार में अगर तमाम खामिया है तो हावड़ा डीविजन केआईआरसीटीसी अधिकारी को पैंट्रीकार पर कार्रवाई करने जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। पुलकित सिंघल, सीनियर डीसीएम बिलासपुर