लंबे समय से ट्रामा सेंटर की प्रक्रिया चल रही थी। एमआईसी और विभिन्न चिकित्सा अधिकारियों के निरीक्षण में भी ट्रामा सेंटर की बात सामने आई थी। ट्रामा सेंटर के अभाव में एक्सीडेंट केसों को छोड़ दें तो सिम्स में साल भर में मात्र 350 ऑपरेशन ही हो पाते थे। मरीजों को ऑपरेशन के लिए इंतजार करना पड़ता था। मरीजों को पैसे खर्च करके निजी अस्पतालों की तरफ भी जाना पड़ता था। ट्रांमा सेंटर बनने से अब ऑपरेशन की संख्या सालाना 1000 तक हो जाएगी। सिम्स प्रबंधन की माने तो केंद्र सरकार ने सिम्स में ट्रांमा सेंटर खोलने के लिए राज्य सरकार को राशि भेज दी है।
ट्रामा सेंटर फैक्ट फाइल : 10 आईसीयू कक्ष बनेंगे। 10 जनरल कक्ष। 2 ऑपरेशन थिएटर। 6 से 7 प्रकार की सर्जरी।55-56 लाख का भवन। 3 गुना बढ़ेगी ऑपरेशन की संख्या ।
ट्रामा सेंटर से इन ऑपरेशन की सुविधा : न्यूरो सर्जरी। बेहोशी। जनरल सर्जरी। रेडियोलॉजी। नाक, कान, गला। 1 वर्ष में करीब 1000 ऑपरेशन हो सकेंगे।
आपरेशन की बढ़ेगी संख्या : ट्रामा सेंटर बनने से मरीजों को इसका सीधा फायदा होगा। सिम्स में ऑपरेशन की संख्या बढ़ेगी जिससे ऑपरेशन के लिए मरीजों का इंतजार खत्म होगा। केंद्र ने राज्य शासन को राशि भेज दी है। भवन के लिए पीडब्ल्यूडी ने सिम्स परिसर में भी ट्रामा सेंटर का भवन बनाने के लिए करीब 56 लाख का प्रपोजल भेजा है। हमने उच्चाधिकारियों को आगे की कार्रवाई के लिए भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही संसाधन व कर्मचारियों की पूर्ति की जाएगी।
डॉक्टर अरुणेश सिंह, नोडल अधिकारी ट्रामा सेंटर सिम्स।