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डिलिस्टिंग की मांग को लेकर सडक़ों पर उतरे आदिवासी, किया जोरदार प्रदर्शन

locationबिलासपुरPublished: May 28, 2022 12:30:25 am

Submitted by:

SUNIL PRASAD

धर्म परिवर्तित कर चुके आदिवासियों को आरक्षण की सूची से बाहर करने की मांग,

jashpur News

डिलिस्टिंग की मांग को लेकर रैली में शामिल आदिवासियों का जनसैलाब।

जशपुरनगर. डिलिस्टिंग की मांग को लेकर शुक्रवार दोपहर को जनजातिय सुरक्षा मंच के बैनर तले, शहर में हजारों-हजार की संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग सडक़ में उतर आएं। अपनी मांग के समर्थन में आदिवासियों ने जमकर नारेबाजी की। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दोपहर लगभग 1 बजे कटहल बगीचा से रैली रवाना हुई रैली, जो जिला मुख्यालय जशपुर के भागलपुर चौक हो कर, रणजीता स्टेडियम चौक, आंबेडकर चौक, जिला चिकित्सालय, महाराजा चौक होकर बस स्टैण्ड से पुरानीटोली होते हुए वापस कटहल बगीचा में वापस आ कर आम सभा में तब्दील हो गई। आमसभा का शुभारंभ अतिथियों ने भारत माता, बाबा कर्तिक उरांव के तैल्य चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलित कर किया। सभा को संबोधित करते हुए जिला पंचायत जशपुर की अध्यक्ष रायमुनि भगत ने कहा कि आदिवासियों की परम्परा और रीतियों को त्याग चुके लोगों को आरक्षण की सुविधा से बाहर करने का जो बीड़ा कार्तिक उरांव ने उठाया था, उसे पूरा करने के लिए आदिवासी समाज कृत संकल्पित है। उन्होनें कहा कि आज जशपुर की सडक़ों पर जो जनजातिय समाज को जनसैलाब उमड़ा है, वह धनबल से जुटाया हुआ नहीं है। लोग स्वच्छता से अपने साधन से चल कर, अपने और आने वाली पीढिय़ों के अधिकार की मांग को लेकर आएं है। नीतिनियमकों को जनभावना को समझना होगा।
आरक्षण की सूची से बाहर निकालने की मांग : इस अवसर पर जशपुर बांकीटोली में स्थित कटहल बगीचा में विशाल सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश सरकार में मंत्री रहे गणेश राम भगत ने कहा कि मतांतरण कर चुके आदिवासियों को आरक्षण की सूची से बाहर निकालने की मांग सबसे पहले जनजातिय समाज के सबसे बड़े जननायक कार्तिक उरांव ने उठाई थी। उन्होंने इसके लिए 1967-68 में लोकसभा के पटल पर नीजि विधेयक भी प्रस्तुत किया था लेकिन, इस पर चर्चा नहीं हो सकी। इसके बाद अल्पायु में निधन हो जाने के कारण कार्तिक उरांव जी का सपना पूरा नहीं हो पाया।
सुरक्षा के बेहद चाक-चौबंद इंतजाम : जनजातिय सुरक्षा मंच के बैनर तले डिलिस्टिंग की मांग को लेकर आयोजित आज की रैली और आमसभा को लेकर जिला और पुलिस प्रशासन ने बेहद चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की थी। पूरी व्यवस्था पर नजर रखने खुद जशपुर एसडीएम और एसपी रैली वाले रास्तों पर जवानो और पुलिस के अधिकारियों की तैनाती पर नजर बनाए रखने घूमते रहे और समूचे रास्ते में चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती और सक्रियता से पूरा आयोजन सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। रैली में बहुत बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग शामिल हुए जो धर्म परिवर्तन कर चुके आदिवासियों को मिलने वाली तमाम तरह के आरक्षण से वंचित किए जाने की मांग के साथ-साथ अन्य कई प्रकार के नारों की तख्ती थामें थे और अपनी मांगों को लेकर नारे लगा रहे थे।
बस्तर से लेकर जशपुर तक उठी मांग : पूर्व केबिनेट मंत्री गणेश राम भगत ने कहा कि अब जनजातिय समाज ने अपने इस जननायक के अधूरे काम को पूरा करने का निश्चिय किया है। उन्होंने कहा कि बस्तर से लेकर जशपुर तक, डिलिस्टिंग की मांग को लेकर जो आवाज उठ रही है, उसे ना तो दबाया जा सकता है और न ही इसकी उपेक्षा की जा सकती है। डिलिस्टिंग को लागू करने का समय आ गया है। जनजातीय समाज में अपने अधिकारों को लेकर आ रही जागरूकता से बाबा कार्तिक उरांव का सपना जल्द ही साकार होगा। इस आम सभा को जनजातिय समाज के अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया।
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