इस वजह से माताएं करती हैं हलषष्ठी का व्रत, पीठ पर मारती हैं आशीर्वाद भरा पोता, देखें वीडियो !
बिलासपुर. hal sashti 2019 संतान की दीर्घायु की कामना को लेकर माताओं ने बुधवार को व्रत रखकर हलषष्ठी देवी की पूजा की। घरों में मिट्टी के तालाब बनाकर सामूहिक रूप से महिलाओं ने पूजा की। दिन भर व्रत व पूजन के बाद माताओं ने बच्चों को तिलक लगाकर आशीर्वाद भरा पोता पीठ में मारा। अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य व दीर्घायु की कामना की।
hal sasthi puja भाद्र कृष्ण पक्ष की षष्ठी पर हलषष्ठी की पूजा माताओं ने की। सुबह से कठोर व्रत कर महिलाओं ने पूजा की तैयारी की। उसके बाद तैयार होकर महिलाएं पूजन करने के लिए एकत्रित हुई। घरों में मिट्टी के तालाब बनाकर काशी के फूल लगाए गए। दोपहर में महिलाओं ने समूह में हलषष्ठी की पूजा वैदिक विधियों से की। कुमकुम, अक्षत लगाकर दीप प्रज्ज्वलित कर पूजन प्रारंभ किया गया। इसके बाद मिट्टी की चुकिया में लाई, महुआ, गेहूं आदि सामग्री को भरकर माताओं ने शृंगार की सामग्री व फल अर्पित की। पूजन के दौरान हलषष्ठी की प्रचलित कथा सुनी। हलषष्ठी की पूजा में परंपराओं के अनुसार बिना हल चली जमीन पर उपजे पसहर चावल, भैंस का दूध, दही, घी, महुआ का इस्तेमाल किया।
0 मंदिरों में भी हुई पूजा-अर्चना: शहर में महिलाओं ने घरों में एकत्रित होकर पूजा की। वहीं शहर के मंदिरों में भी हलषष्ठी की पूजा कराई गई। सतबहनिया मंदिर बंधवापारा, व्यंकटेश मंदिर, सीताराम मंदिर व कई मंदिरों में महिलाओं ने हलषष्ठी की पूजा की।
0 पसहर चावल व मुनगा भाजी किया ग्रहण: व्रत में बिना हल चले अनाज का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए पसहर चावल व मुनगा भाजी बनाकर महिलाओं ने शाम में व्रत का पारण किया। वहीं अपने बच्चों व घर के लोगों को भी यह प्रसाद खिलाया।
0 किया भजन-कीर्तन: पूजन के बाद महिलाओं ने भजन कीर्तन किया। सामूहिक रूप से हलषष्ठी देवी का स्मरण करते हुए उनसे आशीर्वाद मांगा। सदा संतान की रक्षा करने की कामना भी की।