script..अब 1 महिनें तक नहीं गूंजेगी शहनाई, होली के पहले कल से ही लग जाएगा ये बड़ा दोष, शुभ कार्य किए तो परेशानियां दरवाजे पर होंगी | Wedding is not a month due to marriage defects | Patrika News

..अब 1 महिनें तक नहीं गूंजेगी शहनाई, होली के पहले कल से ही लग जाएगा ये बड़ा दोष, शुभ कार्य किए तो परेशानियां दरवाजे पर होंगी

locationबिलासपुरPublished: Mar 13, 2019 05:59:47 pm

Submitted by:

BRIJESH YADAV

होलाष्टक को ज्योतिष की दृष्टि से एक दोष माना गया है। इसमें विवाह, गर्भाधान, गृह प्रवेश, निर्माण जैसे शुभ कार्य वर्जित है।

Marriages will not take place after 1 month of holi festival

..अब 1 महिनें तक नहीं गूंजेगी शहनाई, होली के पहले कल से ही लग जाएगा ये बड़ा दोष, शुभ कार्य किए तो परेशानियां दरवाजे पर होंगी

बिलासपुर. इस वर्ष होलाष्टक की तिथि 14 मार्च से शुरू होकर 20 मार्च होलिका दहन तक रहेगी। होलाष्टक में मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। इसी बीच में होलाष्टक के दूसरे दिन 15 मार्च से ही खरमास भी प्रारंभ हो रहा है। इस तिथि में भी विवाह व अन्य मांगलिक कार्यक्रम पर निषेध माना जाता है। ऐसे में होलाष्टक के साथ ही लगभग एक माह तक मांगलिक कार्य नहीं होंगे। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक शुभ कार्य उत्तम मुहूर्त में ही करना श्रेष्ठ होता है। ज्योतिषशास्त्र में प्रत्येक कार्य के लिए शुभ मुहूर्त को महत्व दिया जाता है। कोई भी कार्य यदि शुभ मुहूर्त में किया जाता है तो वह उत्तम फल प्रदान करने वाला होता है। ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुविद डॉ.दीपक शर्मा ने बताया कि होलाष्टक 14 मार्च से लग रहा है। फाल्गुन कृष्ण पक्ष की अष्टमी मृगशिरा नक्षत्र से होलाष्टक की शुरुआत होगी। जो होलिका दहन तक यानी 20 मार्च तक रहेगी। इस तरह इस बार होलाष्टक की तिथि 8 दिनों की ही होगी। इसके बाद खरमास से भी विवाह कार्यों पर विराम लग जाएगा।
खरमास 15 मार्च को सूर्य गुरु की राशि मीन में प्रवेश करेंगे। इसके साथ ही खरमास की तिथि प्रारंभ हो जाएगी। जो एक माह तक चलेगी। इस दौरान विवाह कार्यक्रम नहीं होंगे क्योंकि गुरु विवाह का कारक ग्रह माना जाता है और सूर्य देव की गुरु की मीन राशि में रहने से गुरु का प्रभाव कम हो जाएगा।
ये शुभ कार्य रहेंगे वर्जित
ज्योतिषाचार्य पंडित महेश्वर प्रसाद उपाध्याय ने बताया कि होलाष्टक को ज्योतिष की दृष्टि से एक दोष माना गया है। इसमें विवाह, गर्भाधान, गृह प्रवेश, निर्माण जैसे शुभ कार्य वर्जित है। इस समय विशेष रूप से विवाह, नए निर्माण व नए कार्यों को आरंभ नहीं करना चाहिए। ऐसा ज्योतिषशास्त्र का कथन है अर्थात् इस दौरान किए गए कार्यों से कष्ट, अनेक पीड़ाओं की आशंका रहती है तथा विवाह आदि संबंध विच्छेद और कलह का शिकार हो जाते है।
शुरू हो जाएगा खरमास
खरमास 15 मार्च को सूर्य गुरु की राशि मीन में प्रवेश करेंगे। इसके साथ ही खरमास की तिथि प्रारंभ हो जाएगी। जो एक माह तक चलेगी। इस दौरान विवाह कार्यक्रम नहीं होंगे क्योंकि गुरु विवाह का कारक ग्रह माना जाता है और सूर्य देव की गुरु की मीन राशि में रहने से गुरु का प्रभाव कम हो जाएगा।
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