सिम्स के एआरटी सेंटर की आंकड़ों पर करें तो 2010 से अब तक यहां पर बिलासपुर संभाग के 6186 पीडित पहुंचे है। जिनका इलाज चल रहा है। वहीं इस साल एक अप्रैल से अक्टूबर तक 488 नए मरीज खोजे गए है। इस सेंटर को खोलने का मुख्य उद्देश्य एचआइवी व एडस पीडितों का उपचार करना है और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोडकर पूरे जीवन काल तक जीवित रखना है।
एआरटी सेंटर में वर्तमान में 6186 मरीजों को उपचार चल रहा है। इस संबंध में एआरटी सेंटर के प्रभारी डॉ. पीके श्रीवास्तव का कहना है कि औसतन हर साल 500 से लेकर 700 तक नए मरीज मिल रहे है। अधिकारी के मुताबिक जितने संख्या में एचआइवी, एडस मरीज का अभी उपचार हो रहा है। उतने ही संख्या में अभी और मरीज मिलने की आशंका है। बस उन्हें खोजने की आवश्यकता है। टीम ऐसे मरीजों की खोज कर रही है और जैसे जैसे मरीज मिलते जा रहे हैं, उनके उपचार की व्यवस्था की जा रही है।
..हर साल मरीज बढ़ रहे हैं…. 2017 – 702 2018 – 621 2019 – 488 अक्टूबर माह की संख्या …ये हैं प्रमुख कारण …. – असुरक्षित यौन संबंध। – संक्रमित सुई का बार-बार उपयोग।
– वेश्यावृत्ति। – एचआइवी पीडिता से जन्मा बच्चा।