scriptWhere there is green area, Air Quality Testing Center has been set up, | जहां हरा भरा क्षेत्र वहां लगाया वायु गुणवत्ता जांच केन्द्र, प्रदूषण वाले क्षेत्रों की आबोहवा जांचने से कतरा रहा पर्यावरण विभाग | Patrika News

जहां हरा भरा क्षेत्र वहां लगाया वायु गुणवत्ता जांच केन्द्र, प्रदूषण वाले क्षेत्रों की आबोहवा जांचने से कतरा रहा पर्यावरण विभाग

locationबिलासपुरPublished: May 26, 2023 07:51:43 pm

Submitted by:

KAMLESH RAJAK

बिलासपुर. जहां हरा भरा क्षेत्र है,3 किलो मीटर दूर तक उद्योग नहीं और भारी वाहनों के गुजरने पर पाबंदी है । ऐसे स्मार्ट रोड के पास शहर के वायु गुणवत्ता प्रदूषण जांच केन्द्र की स्थापना की गई है। यह एनटीपीसी के सहयोग से पर्यावरण संरक्षण विभाग ने लगवाया है। नियम के तहत शहर के वायु की गुणवत्ता जांच के लिए चारों दिशाओं में जांच केन्द्र होने चाहिए, लेकिन एकमात्र जांच केन्द्र में अब ताला लटक रहा है।

जहां हरा भरा क्षेत्र वहां लगाया वायु गुणवत्ता जांच केन्द्र, प्रदूषण वाले क्षेत्रों की आबोहवा जांचने से कतरा रहा पर्यावरण विभाग
जहां हरा भरा क्षेत्र वहां लगाया वायु गुणवत्ता जांच केन्द्र, प्रदूषण वाले क्षेत्रों की आबोहवा जांचने से कतरा रहा पर्यावरण विभाग
शहर में वायु प्रदूषण का स्तर जांचने के लिए पर्यावरण संरक्षण विभाग ने आज तक पहल नहीं की है। प्रदेश के दूसरा बड़ा शहर होने के साथ-साथ नगर निगम सीमा क्षेत्र में कई उद्योग स्थापित हैं, जहां से हर दिन कार्बन वातावरण में घुल रहा है। शहर के तिफरा, धुमा, सिलपहरी, सिरगिट्टी समेत कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां बड़े बड़े कारखाने हैं। इसके साथ ही सरकंडा सीपत रोड, लिंक रोड, रायपुर रोड से प्रतिदिन शहर में भारी वाहनों का आना जाना लगा रहता है। वाहनों से निकलने वाला धुंआ और जर्जर सड़कों से उड़ने वाला गुबार लगातार वायु को प्रदूषित कर रहा है। पर्यावरण संरक्षण विभाग ने शहर की वायु गुणवत्ता की जांच करने के लिए एकमात्र वायु गुणवत्ता जांच केन्द्र की स्थापना संजय तरण पुष्कर परिसर में एनटीपीसी के सहयोग से लगवाई है। यह क्षेत्र हरा भरा होने के साथ-साथ इसके चारों ओर 3 किलो मीटर के दायरे में एक भी उद्योग नहीं हैं। स्मार्ट रोड के बाजू में होने के कारण यहां से भारी वाहनों का आना जाना भी नहीं होता। मजे की बात यह है कि इस क्षेत्र में जर्जर सड़क की बजाए चकाचक सड़क है जिससे क्षेत्र में धूल उड़ने की संभावना ही नहीं है। ऐसे में शहर की आबोहवा सर्वसुविधायुक्त होने का दावा करने में विभाग नहीं चूक रहा है।
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