पूजा के बाद वृक्ष के नीचे से खाना बनाकर उसे प्रसाद के रुप में ग्रहण किया।
सुख-समृद्धि की कामना कर महिलाओं ने मनाया आंवला नवमी, देखें विडियो
बिलासपुर. आंवला नवमी पर महिलाओं ने सुख-समृद्धि की कामना करते हुए पिकनिक का मजा लिया। इस दौरान उन्होंने शहर बीच स्थित कंपनी गार्डन में आंवला वृक्ष की पूजा अर्चना करते हुए रक्षा सूत्र बांधा। वहीं पूजा के बाद वृक्ष के नीचे से खाना बनाकर उसे प्रसाद के रुप में ग्रहण किया।
इस दिन का महत्व : आंवला नवमी के दिन आंवला के वृक्ष के नीचे भोजन बनाने और भोजन करने का विशेष महत्व है। आंवला नवमी को ही भगवान विष्णु ने कुष्माण्डक दैत्य को मारा था। इस दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने कंस वध से पहले तीन वन की परिक्रमा की थी। आज भी लोग अक्षय नवमी पर मथुरा-वृंदावन की परिक्रमा करते हैं। संतान प्राप्ति के लिए इस नवमी पर पूजा अर्चना का विशेष महत्व है।
IMAGE CREDIT: patrikaआंवला नवमी पूजा करने की विधि : महिलाएं आंवला नवमी के दिन स्नान आदि करके किसी आंवला वृक्ष के समीप जाएं। उसके आसपास साफ-सफाई करके आंवला वृक्ष की जड़ में शुद्ध जल अर्पित करें। फिर उसकी जड़ में कच्चा दूध डालें।
IMAGE CREDIT: Patrika पूजन सामग्रियों से वृक्ष की पूजा करें और उसके तने पर कच्चा सूत या मौली 8 परिक्रमा करते हुए लपेटें। कुछ जगह 108 परिक्रमा भी की जाती है। इसके बाद परिवार और संतान के सुख-समृद्धि की कामना करके वृक्ष के नीचे ही बैठकर परिवार, मित्रों सहित भोजन किया जाता है।