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एकल परिवार के दौर में महिलाओं ने बरकरार रखी है सामूहिकता, 20 साल से एक साथ कर रहीं खेती

locationबिलासपुरPublished: Oct 20, 2020 04:22:52 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

बिल्हा विकासखंड के ग्राम दोमुहानी की 15 महिलाओं ने मनका दाई महिला समूह का गठन वर्ष २००० में किया था। इस समूह को बनाने की पे्ररणा पूर्व जनपद सदस्य निर्मला पाल ने दी थी। तब से लेकर अब तक इसने सामूहिक कार्य की भावनाओं को जिंदा रखा है।

एकल परिवार के दौर में महिलाओं ने बरकरार रखी है सामूहिकता, 20 साल से एक  साथ कर रहीं खेती

एकल परिवार के दौर में महिलाओं ने बरकरार रखी है सामूहिकता, 20 साल से एक साथ कर रहीं खेती

बिलासपुर. व्यवसाय हो या परिवार वर्तमान दौर एकल से गुजर रहा है। लोगों की एकल परिवार की अवधारणा सी बन गई है। ऐसे दौर में दोमुहानी गांव की महिलाएं अब भी सामूहिक खेती करके नजीर बनी हुई हैं। सामूहिक निर्णय, व्यक्तिगत जिम्मेदारी और सामूहिक परख के भरोसे पिछले दो दशक से इस काम में लगे हुए हैं।

बिल्हा विकासखंड के ग्राम दोमुहानी की 15 महिलाओं ने मनका दाई महिला समूह का गठन वर्ष 2000 में किया था। इस समूह को बनाने की पे्ररणा पूर्व जनपद सदस्य निर्मला पाल ने दी थी। तब से लेकर अब तक इसने सामूहिक कार्य की भावनाओं को जिंदा रखा है। इस समूह ने उद्यानिकी विभाग से 14 एकड़ शासकीय जमीन पर खेती करने के लिए अनुबंध किया।

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समूह की महिलाएं तब से लेकर अब तक इस भूमि पर लगातार सब्जी की खेती कर रही हैं। इसके साथ ही खेती परिसर में आम के वृक्ष, अमरूद, पपीता के पेड लगाकर पूरे परिसर को हराभरा कर दिया है। समूह की महिलाएं बैंगन, भिंडी, टमाटर, बरबट्टी, गोभी कुम्हड़ा, मिर्ची, धनिया की खेती करके अपने-अपने परिवार की आजीविका चला रही हैं।

आम की कई प्रजाति

महिलाओं के इस समूह ने 14 एकड़ के परिसर आम की अनेक प्रजातियां लगाई हैं। इनमें लगड़ा, दशहरी, कलमी , आग्रपाली आदि हैं। बीते वर्ष से आम का विक्रय शुरू किया गया है।

एक अदद फेंसिंग की दरकरार

उद्यानिकी विभाग से इन महिलाओं को एक अदद पूरे परिसर को फेंसिंग तारों से घेराबंदी करने की उम्मीद है। कई बार विभाग का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया गया पर उनकी यह मांग अब तक पूरी नहीं हो सकी है। समूह की इन महिलाओं के परिवार की आजीविका का एकमात्र साधन यह खेती है।

अंगूठा छाप से लेकर 12 वीं तक पढ़ी

समूह की अध्यक्ष बिसौनी निषाद हैं, उपाध्यक्ष शैल निषाद, सचिव मिलकुंवर , सदस्यों में रामबाई, जमुना, इतवारा, सोनबाई, सोनमति, तितरी बाई सुखमति, कुसुम निषाद, नानबाई, प्रमिला, शांति एवं आरती सतनामी हैं। इनमें साठ फीसदी महिलाएं अनपढ़ हैं। चालीस फीसदी महिलाएं 5,8 व 12 वीं कक्षा तक पढ़ी हैं।

मवेशियों को रोकने फेंसिंग जरूरी

खेती को बचाने के लिए पूरे परिसर का फेंसिंग होना जरूरी है। विभाग के अधिकारियों को अनेक बार ध्यान दिलाया गया लेकिन अब तक कार्य पूरा नहीं हो सका।

-शैल निषाद,उपाध्यक्ष,मनका दाई महिला समूह,दोमुहानी,बिलासपुर

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