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धूमधाम से मना विश्व आदिवासी दिवस, देखिए इन तस्वीरों में परंपराओं व संस्कृति की झलक

locationबिलासपुरPublished: Aug 09, 2022 11:03:31 pm

Submitted by:

JYANT KUMAR SINGH

मंगलवार की सुबह 9 बजे आदिवासी समुदाय ने रैली निकालकर अपने आराध्य देव को आमंत्रित किया, इसके बाद पारंपरिक बाजे-गाजे के साथ पूरे शहर में रैली निकाली। इस रैली में छोटे बच्चे से लेकर युवक, महिलाएं व पुरुषों का उत्साह अपने चरम पर था।

World Tribal Day : see a glimpse of traditions and culture in these

इस रैली में छोटे बच्चे से लेकर युवक, महिलाएं व पुरुषों का उत्साह अपने चरम पर था। सभी अपने पारंपरिक लिबास में नजर आ रहे थे। परंपरागत वाद्ययंत्रों की तान पर इनके पांव थिरक रहे थे

बिलासपुर. मंगलवार को विश्व आदिवासी दिवस धूम धाम से मनाया गया। बिलासपुर के साइंस कालेज मैदान में एक विशाल सम्मलेन का आयोजन किया गया। सम्मलेन में प्रदेशभर से बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग एकत्रित हुए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए, जहां उन्होंने आदिवासियों की विशाल सभा को संबोधित किया।
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IMAGE CREDIT: patrika bilaspur
विश्व आदिवासी दिवस के उत्साह का आलम यह था कि इस कार्यक्रम में विदेश में रहने वाले आदिवासी समुदाय के लोग भी शामिल हुए। मंगलवार की सुबह 9 बजे आदिवासी समुदाय ने रैली निकालकर अपने आराध्य देव को आमंत्रित किया, इसके बाद पारंपरिक बाजे-गाजे के साथ पूरे शहर में रैली निकाली।
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IMAGE CREDIT: patrika bilaspur
इस रैली में छोटे बच्चे से लेकर युवक, महिलाएं व पुरुषों का उत्साह अपने चरम पर था। सभी अपने पारंपरिक लिबास में नजर आ रहे थे। परंपरागत वाद्ययंत्रों की तान पर इनके पांव थिरक रहे थे। वहीं समुदाय के लोग अपने समाज के विशेष ध्वज के साथ रैली का नेतृत्व कर रहे थे।

कार्यक्रम के आयोजकों ने बताया कि इस आदिवासी रैली में बस्तर संभाग से लेकर पूरे प्रदेशभर के आदिवासी शामिल हुए। रैली के माध्यम से अपने प्रकृति देवी-देवताओं को नमन कर रहे थे।

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आदिवासी विद्रोह, संघर्ष और कला, संस्कृति को किया जा रहा संरक्षित
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आदिवासी समाज की वजह से छत्तीसगढ़ की अपनी कला एवं संस्कृति है। प्रदेश में इन्हें संरक्षित करने की दिशा में सरकार काम कर रही है। नया राजधानी रायपुर में शहीद वीरनारायण सिंह के नाम पर 25 करोड़ रूपए का संग्राहालय बनाया जा रहा है। यहां आदिवासियों के विद्रोह, संघर्षों और उनके कला तथा संस्कृतियों को विशेष रूप से प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आदिवासी समाज के योगदान का दस्तावेज होना जरूरी है। यह किया भी जा रहा है। मुख्यमंत्री ने आदिवासी परम्पराओं को जीवित रखने देवगुड़ी स्थापना की स्वीकृति दिए जाने की बात कही।
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राजा चक्रधर सिंह पोर्ते की प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा
मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम में आदिवासी समाज के सभी मांगों पर चर्चा करने की बात कहते हुए शहर में राजा चक्रधर सिंह पोर्तें की प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की। उन्होंने देश के पहले सर्जिकल स्ट्राइक में अपना अहम योगदान देने वाले आदिवासी समाज के कैप्टन उदयभान सिंह सहित समाज के विभूतियों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में विशेष पिछड़ी जनजाति समाज के युवाओं को नियुक्ति पत्र भी प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाली समितियों को स्वेच्छानुदान मद से 25-25 हजार की राशि देने की घोषणा की।
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IMAGE CREDIT: patrika bilaspur
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