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मैच्योरिटी अमाउंट का 75 प्रतिशत ले सकते हैं लोन

मैच्योरिटी अमाउंट का 75% ले सकते हैं लोन ज्यादा रिटर्न के साथ जोखिम भी अधिक अधिक रिटर्न के लिए कॉरपोरेट एफडी निवेश का शानदार विकल्प है, लेकिन इसमें रेगुलर एफडी के मुकाबले जोखिम भी अधिक है। कॉरपोरेट एफडी के जरिए फाइनेंस कंपनियां फंड जुटाती हैं। इसे हाउसिंग फाइनेंस कंपनी या फिर अन्य एनबीएफसी इश्यू करती हैं। इसमें रेगुलेर एफडी की तुलना में अधिक ब्याज मिलता है। हालांकि, इसमें निवेश की गई 5 लाख रुपए तक की राशि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन के तहत इंश्योरर्ड नहीं होती है।

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ज्यादा रिटर्न के साथ जोखिम भी अधिक

कॉरपोरेट एफडी के 3 बड़े फायदे
अधिक ब्याज: कॉरपोरेट एफडी में रेगुलर एफडी के मुकाबले करीब 2-3% अधिक ब्याज मिलता है। रेगुलर एफडी में 6% ब्याज मिलता है, पर कॉरपोरेट में ९% तक है।
आसान लोन: ज्यादातर कंपनी एफडी पर मैच्योरिटी अमाउंट का 75% तक आसान लोन देती हैं। प्री-मैच्योर विड्रॉअल पर पेनाल्टी भी कम।
इंटरेस्ट पेमेंट: निवेशकों को लोन का इंटरेस्ट चुकाने के लिए मासिक, तिमाही, छमाही और वार्षिक का विकल्प मिलता है।
एफडी लेने से पहले इनका रखें ध्यान
1. एएए और एए क्रेडिट रेटिंग वाले कॉरपोरेट एफडी में ही निवेश करें।
2. निवेश से पहले कंपनी का 10-20 साल का रेकॉर्ड जरूर देख लें।
3. उन्हीं कंपनियों के कॉरपोरेट एफडी में निवेश करें जो लाभ कमा रही हैं।
4. कॉरपोरेट एफडी की ब्याज दरें और जोखिम पर जरूर गौर करें।
5. उन कंपनियों में निवेश से बचें जो अवास्तविक ब्याज का वादा करती हैं।
कितना सुरक्षित है कॉरपोरेट एफडी में निवेश
रिजर्व बैंक के सख्त नियमों का बैंक एफडी में पालन किया जाता है। अगर बैंक दिवालिया हो जाता है तो ऐसी स्थिति में भी एफडी की राशि चाहे जितनी हो, 5 लाख रुपए तक की राशि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन के तहत सुरक्षित रहेगी। वहीं, कॉरपोरेट एफडी में यह इंश्योरेंस नहीं मिलता है। कंपनी के दिवालिया होने पर पैसा डूब भी सकता है। एसलिए निवेश करने से पहले कॉरपोरेट एफडी की क्रेडिट रेटिंग जरूर देखें। केवल एएए रेटिंग वाली एफडी में निवेश करें।

फिक्स्ड डिपॉजिट निवेश का सबसे पॉपुलर ऑप्शन माना जाता है। लेकिन एमडी के अलावा भी कुछ विकल्प हैं जो उससे कहीं ज्यादा रिटर्न आपको दे सकते है। कंपनी अपनी जरूरत के लिए पैसे जुटाती हैं जिसके लिए यह निवेशकों से पैसे लेती हैं जिसे कॉरपोरेट एफडी कहा जाता है। कंपनी निवेशकों को विज्ञापन के जरिए निवेश करने की ओर आकर्षित करती हैं। इस एफडी पर कंपनियां बैंक से ज्यादा इंटरेस्ट रेट देती हैं। कंपनी का कॉरपोरेट एमडी पर ब्याज अधिक होना निवेश के लिए बेहतर माना जाता है। बैंक बाजार की रिपोर्ट ने साल 2022 में सबसे बढिय़ा कॉरपोरेट एफडी रेट देने वाले बैंकों की लिस्ट जारी की है।