सिविल लाइन पुलिस के अनुसार गंगा नगर फेस-2 निवासी चन्द्रेश सिंह कंवर पिता लोमन सिंह कंवर (27) अटल विहारी बाजपेयी यूनिवर्सिटी का छात्र था। मंगलवार को वह सरकंडा मुक्तिधाम में रहने वाले मुकेश जायसवाल के घर उसके जन्म दिन की पार्टी में गया था। रात 1 बजे तक घर नहीं आने पर मां जमुना कंवर ने उसे कॉल किया। चन्दे्रश ने जल्द घर आने की जानकारी दी। इसके बाद जमुना अपने कमरे में सोने चली गई। इसके बाद मृतक घर आया और अपने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद करने के बाद फांसी लगा ली। सुबह जमुना ने वाट्सएप देखा, जिसमें चन्द्रेश का मैसेज था।
उसने पंखे पर चादर का फंदा लटकी हुई तस्वीर भेजी थी। साथ ही लिखा था कि तू टीचर बन गई, मैं मर भी सकता रे..। मैसेज देखने के बाद जमुना ने जानकारी पति लोमन और बेटी अंकिता को दी। तीनों मिलकर दरवाजा को धाका मारकर खोले अंदर फांसी के फंदे पर चंद्रेश की लाश लटक रही थी। परिजनों ने फंदा काटकर उसे मंगला चौक स्थित वंदन अस्पताल लेकर गए। वहां से डाक्टरों ने उसे सिम्स रेफर कर दिया। सिम्स में जांच के बाद डाक्टर ने चंदे्रश को मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पुलिस मर्ग कायम कर जांच कर रही है। नौकरी नहीं मिलने से था मृतक परेशान पुलिस को परिजनों ने बताया कि चन्द्रेश घर में सबसे छोटा था। पिता लोमन सिंचाई विभाग से रिटायर्ड लिपिक हैं। जमुना व अंकिता शिक्षाकर्मी हैं। मृतक का बड़ा भाई प्रमोद बेगलुरू में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। नौकरी नहीं मिलने के कारण मृतक कई दिनों से परेशान था।