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100 रुपए में बिक जाता है आपका ऑनलाइन शॉपिंग डेटा, फिर ठग लूट लेते हैं सारी जमा पूंजी

locationबिलासपुरPublished: Sep 03, 2020 04:37:12 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

इस बात का खुलासा 14 लाख रुपए के एक ऑनलाइन ठगी के मामले में पुलिस ने किया है। जिसमें आरोपी ने स्वीकार किया है कि स्नैपडील, फ्लिपकॉर्ट, अमेजॉन, शॉपक्लूज और बिग बाजार के कर्मचारियों से वो शॉपिंग करने वालों के डेटा खरीदते हैं।

100 रुपए में बिक जाता है आपका ऑनलाइन शॉपिंग डेटा, फिर ठग लूट लेते हैं सारी जमा पूंजी

100 रुपए में बिक जाता है आपका ऑनलाइन शॉपिंग डेटा, फिर ठग लूट लेते हैं सारी जमा पूंजी

बिलासपुर. ऑनलाइन शॉपिंग साइट से खरीदारी करने वाले लोगों की जानकारी ऑनलाइन कंपनी के कर्मचारी ठगों को डेटा बेच रहे हैं। महज 100 रुपए में ठग ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी के कर्मचारियों से डेटा और मोबाइल नंबर खरीदते हैं। इसके बाद ठग उन्हें अलग-अलग हथकंडों से अपना शिकार बनाते हैं। इस बात का खुलासा 14 लाख रुपए के एक ऑनलाइन ठगी के मामले में पुलिस ने किया है। जिसमें आरोपी ने स्वीकार किया है कि स्नैपडील, फ्लिपकॉर्ट, अमेजॉन, शॉपक्लूज और बिग बाजार के कर्मचारियों से वो शॉपिंग करने वालों के डेटा खरीदते हैं।

सकरी थाना क्षेत्र के गैलेक्सी रेसीडेंसी में रहने वाले रिटायर्ड साइंटिस्ट से जुलाई महीने में साढ़े 14 लाख की

ठगी के मामले में पुलिस ने बिहार के गिरोह के 2 सदस्यों को पकड़ा है। गिरोह के सदस्यों ने पूछताछ में इसका खुलासा किया है। गिरोह के सरगना समेत आधा दर्जन आरोपी फरार हैं।

पुलिस कंट्रोल रूम में मामले का खुलासा करते हुए एएसपी उमेश कश्यप ने बताया कि सकरी अंतर्गत गैलेक्सी रेसीडेंसी निवासी व हैदराबाद स्थित डीआरडीओ से रिटायर्ड वैज्ञानिक छेदीलाल पटेल पिता अघोरी पटेल ( 80) के मोबाइल पर 27 जुलाई को कॉल कर एक एसयूवी कार जीतने की जानकारी दी गई। ठगों के झांसे में आकर रिटायर्ड वैज्ञानिक ने न सिर्फ साढ़े तीन हजार रुपए रजिस्ट्रेशन शुल्क आरंभ में पटाए बल्कि ठगों को इंटरनेट बैंकिंग की यूजर आईडी और पासवर्ड भी दे दिया। इसके बाद ठग ने उनके खाते से कई किश्तों में साढ़े 14 लाख रुपए ऑनलाइन दूसरे खाते में ट्रांसफर कर लिया था। शिकायत पर पुलिस ने ठग के खिलाफ अपराध दर्ज किया था।

पहले बदला खाते का लिंकअप नंबर और ब्रांच कोड

जांच में पुलिस को पता चला कि ठग ने छेदीलाल से इंटरनेट बैंकिंग के यूजर पासवर्ड और आईडी के जरिए छेदीलाल के खाते का बैंक से लिंकअप नंबर बदला और बाद में उनके बिलासपुर ब्रांच का कोड लुधियाना पंजाब में ट्रांसफर किया। इसके बाद छेदीलाल के खाते की रकम को अलग-अलग किश्तों में पेटीएम वॉलेट से निकाला गया और खाते में ट्रांसफर करने के बाद रकम निकाली गई थी।

बिहार और पश्चिम बंगाल में मिला लोकेशन

ठग ने जिस नंबर से छेदीलाल को कॉल किया था उसका लोकेशन साइबर सेल से ट्रेस किया गया, जिसमें मोबाइल का लोकेशन बिहार और पंश्चिम बंगाल सर्किल का निकला। मुख्य रूप से बिहार के नवादा और वारिसली गंज, चकवाई और कान्हा गांव में ठगी करने वाले का मोबाइल का लोकेशन बताने लगा।

बिहार पुलिस की मदद से दो पकड़ाए, 1 आरोपी हो गया नेपाल फरार

आरोपियों को पकडऩे पुलिस टीम बिहार भेजी गई। पुलिस टीम ने बिहार पुलिस की मदद से नवादा, वारिसली गंज चकवाई और कान्हा में आरोपियों की तलाश की। गांव के चौकीदार ने ठग का नाम और पता बताने के बाद भी उसे पहचानने से इनकार कर दिया। पुलिस टीम ने गांव में मौजूद ठग गिरोह के सदस्य गौतम कुमार पिता संजय प्रसाद (22) निवासी चकवाई नवादा बिहार और नीरज कुमार पिता गणेश कुमार (18) निवासी चकवाई को गांव से पकड़ा। वहीं आरोपियों का साथी सूरज पुलिस के आने की खबर मिलने पर नेपाल फरार हो गया।

100 रुपए में ऑनलाइन शॉपिंग साइट बेच रही डेटा

पकड़े गए गिरोह के सदस्य गौतम और नीरज ने पुलिस को बताया कि उनके गिरोह में ८ सदस्य हैं। सभी सदस्य ऑनलाइन शॉपिंग साइट स्नैपडील, फ्लिपकॉर्ट, अमेजॉन, शॉपक्लूज और बिग बाजार के कर्मचारियों से सीधे संपर्क करते हैं। ६-१२ महीने में ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों की जानकारी लेते हैं। शॉपिंग साइट के कर्मचारी ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों के मोबाइल नंबर १०० रुपए में उन्हें देते हैं। इसके बाद इसी नंबर पर कॉल कर लोगों को ऑनलाइन शॉपिंग करने पर इनाम में कार या बड़ी राशि जीतने का झांसा देकर ठगी का शिकार बनाते हैं।

सरगना समेत आधा दर्जन आरोपी फरार

आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उनके गिरोह के 2 सरगना पंकज कुमार और कुंदन कुमार हैं। गिरोह में सूरज व 2 अन्य सदस्य शामिल हैं। उनके पकड़े जानेकी खबर मिलते ही गिरोह के सरगना और अन्य सदस्य फरार हो गए थे। आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 2 लैपटॉप, 21 मोबाइल, 8 बैंक पासबुक, 6 डेबिट कार्ड, चेकबुक, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड मेमोरी कार्ड, पेन ड्राइव और नकद 5 लाख 36 हजार 405 रुपए बरामद किया है।

ऑनलाइन शॉपिंग साइट से डेटा लेकर ठगी करने का खुलासा होने के बाद ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों को नोटिस भेजा जाएगा। मामले में जांच जारी है और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जाना है। आरोपियों के गिरफ्तार होने के बाद ऑनलाइन शॉपिंग साइट से डेटा देने वाले लोगों को पकड़ा जाएगा। साथ ही ऑनलाइन शॉपिंग साइट को पत्र भेजकर गोपनीय जानकारी लीक करने वालों की जानकारी मांगी जाएगी।

-रविन्द्र यादव, थाना प्रभारी, सकरी

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