जोड़ दर्द में लाभकारी हींग से छौंक लगा दही
जयपुरPublished: Jun 22, 2019 11:12:01 am
भोजन के अलावा भारतीय संस्कृति में दही का इस्तेमाल पूजा, हवन आदि में होता है। दही में दूध से कम फैट पाया जाता है। इसमें फॉस्फोरस, आयरन व लेक्टोज भी पाया जाता है।
आयुर्वेद ग्रंथों में दही को त्रिदोष नाशक कहते हैं
गर्मी में दही का प्रयोग अमृत के समान माना जाता है। आयुर्वेद ग्रंथों में दही को त्रिदोष नाशक कहते हैं। चरक सहिंता में दही को कल्पतरू बताया है जो शरीर के सारे रोग दूर करता है। भोजन के अलावा भारतीय संस्कृति में दही का इस्तेमाल पूजा, हवन आदि में होता है। दही में दूध से कम फैट पाया जाता है। इसमें फॉस्फोरस, आयरन व लेक्टोज भी पाया जाता है। नियमित दही खाने से मुंह की दुर्गन्ध कम होती है व बढ़ती उम्र का असर भी कम होता है। मिट्टी के बर्तन में दही बनाने से इसके गुणों में वृद्धि होती है। एक शोध के अनुसार दही में मौजूद तत्त्व कैंसर खासकर ब्रेस्ट कैंसर की आशंका को कम करने में सक्षम हैं। इसलिए महिलाओं को यह रोजाना खाना चाहिए।
इन रोगों में लाभदायक
नियमित रूप से भोजन में दही को शामिल करने से हाई ब्लड प्रेशर, हृदय व किडनी संबंधी रोग और शारीरिक कमजोरी दूर होती है।
रोजाना 100 ग्राम दही खाने से हड्डियों व दांतों को मजबूती मिलती है साथ ही टाइप-2 डायबिटीज नियंत्रित होती है।
दही में नींबू का रस मिलकर चेहरे , गर्दन, कोहनी, एड़ी व हाथों पर लगाकर थोड़े समय बाद गुनगुने पानी से धोने से कालापन दूर होता है।
इसमें मौजूद अच्छे बैक्टीरिया पाचनतंत्र को मजबूत कर अल्सर, पेटदर्द आदि में राहत देते हैं।
हींग का छौंक लगा दही जोड़ों में दर्द की समस्या दूर करता है।
शहद और दही को समान मात्रा में मिलाकर सुबह शाम खाने से मुंह के छालों में आराम मिलता है।
लंबे और काले बालों के लिए एक कप दही को काली मिट्टी में मिलाकर लगाएं व इससे सिर धोने से बाल घने व चमकदार होते हैं।
प्रयोग के समय ध्यान रखें
किसी प्रकार के त्वचा संबंधी रोग, सर्दी, खांसी, जुकाम, अस्थमा व अन्य सांस सम्बंधी रोगों में इसे न खाएं।
बासी व खट्टा दही नहीं खाना चाहिए। रात के समय में
भूल कर भी दही न खाएं। रात में दही खाना नुकसानदायक होता है।