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वायु प्रदूषण से हार्ट, ब्रेन और फेफड़ों की बढ़ रही बीमारी

वायु प्रदूषण के माध्यम से जब शरीर में दूषित तत्व जाते हैं तो शरीर की भीतरी कोशिकाओं में संक्रमण की वजह से कई बदलाव आते हैं। इसमें प्रमुख रूप से सांस फूलने, घबराहट और चिड़चिड़ान की समस्या अधिक रहती है। कुछ समय के भीतर व्यक्ति अस्थमा, एलर्जी या सीओपीडी का रोगी हो जाता है।

Oct 30, 2019 / 05:01 pm

Ramesh Singh

वायु प्रदूषण से से हार्ट, ब्रेन और फेफड़ों की बढ़ रही बीमारी

श्वांस संबंधी परेशानियों से बचाव के लिए नीम का पेड़ वरदान होता है। जो भी पेड़ जिनकी पत्तियां छोटी होती हैं उनके भीतर प्रदूषण को कम करने की क्षमता अधिक रहती है। घर के आसपास हरे-भरे पेड़ रहेंगे तो प्रदूषण का स्तर कम रहेगा और बीमारियां फैलने का खतरा भी कम होगा।

मॉर्निंग वॉक करते समय बरतें सावधानी
सुबह के समय टहलना फायदेमंद होता है लेकिन प्रदूषण्, धुंध या कोहरे में टहलना सेहत को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए सुबह के समय टहलने से बचना चाहिए विशेषकर उन लोगों को जो अस्थमा या सीओपीडी के रोगी हैं। इसके बाद भी टहलने या किसी अन्य काम से बाहर जाते हैं तो सावधानी के तौर पर एन-95 मास्क पहनकर ही निकलना चाहिए क्योंकि इस मास्क से प्रदूषित कणों को शरीर के भीतर जाने से रोका जा सकता है।

हवन से कम होता प्रदूषण से नुकसान
हवन सामग्री में ऐसे एंटीबैक्टीरियल तत्व होते हैं जो प्रदूषण से बचाव में सहायक हैं। तुलसी इम्युनिटी बूस्टर होता है। एक गिलास पानी में पत्ता डाल दें और दिनभर थोड़ा-थोड़ा पिएं आराम मिलेगा। प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक है तो पानी में नीम का पत्ता डाल उसे हल्का गरम कर गरारा करने से भी संक्रमण का खतरा कम रहता है। च्यवनप्राश का सेवन करना चाहिए इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता संतुलित रहती है।

ऐसे निकालते विषैले तत्व
शरीर के भीतर जमा हो चुके विषैले तत्वों को बाहर निकालकर भी रोगी को आराम पहुंचाया जाता है। इसमें पंचकर्म के साथ वमन रोगी को उल्टी कराते हैं। विरेचन में रोगी को घी-पिलाकर आंतों और दूसरे अंगों की सफाई की जाती है। शरीर की तिल्ली या सरसों तेल से मसाज कर भाप दिया जाए तो लाभ होता है।

मिट्टी में बच्चों को खेलने दें
मिट्टी में बच्चों को खेलने से नहीं रोकना चाहिए। मिट्टी में खेलने से बच्चों की इम्युनिटी मजबूत होती है। जो भी फल और सब्जी है उसे अच्छे से धोने के बाद ही पकाए या खाएं क्योंकि केमिकल युक्त होने से शरीर की कोशिकाओं पर बुरा प्रभाव पड़ता है। हर व्यक्ति को फिट और सेहतमंद रहने के लिए योग और प्राणायाम के साथ हल्की-फुल्की एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए।
एक्सपर्ट : डॉ. गोपेश मंगल, आयुर्वेद विशेषज्ञ

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