भावनाओं का चित्रण
आमतौर पर देखा गया है कि जो लोग डिप्रेशन या स्ट्रेस से घिरे रहते हैं वे आर्ट के माध्यम से अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से पेश कर पाते हैं। इससे मानसिक स्वास्थ्य में काफी सुधार होता है। आर्ट थैरेपी की जड़ें एंथ्रोपोसोफी में हैं। यह एक आध्यात्मिक अभ्यास है जिसे रुडोल्फ स्टीनर ने शुरू किया था। इसमें कई समूहों के बीच सत्रों का आयोजन किया जाता है, जिसमें थैरेपिस्ट स्ट्रक्चर्ड एक्सरसाइज करवाते हैं।
आमतौर पर देखा गया है कि जो लोग डिप्रेशन या स्ट्रेस से घिरे रहते हैं वे आर्ट के माध्यम से अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से पेश कर पाते हैं। इससे मानसिक स्वास्थ्य में काफी सुधार होता है। आर्ट थैरेपी की जड़ें एंथ्रोपोसोफी में हैं। यह एक आध्यात्मिक अभ्यास है जिसे रुडोल्फ स्टीनर ने शुरू किया था। इसमें कई समूहों के बीच सत्रों का आयोजन किया जाता है, जिसमें थैरेपिस्ट स्ट्रक्चर्ड एक्सरसाइज करवाते हैं।
मानसिक सेहत में सुधार
यह इंसान की शारीरिक-मानसिक व इमोशनल वेल-बीइंग में सुधार के लिए रचनात्मक प्रक्रिया को महत्त्व देती है। इस प्रक्रिया में व्यक्ति की भावनाओं को सकारात्मक बनाने का सबसे ज्यादा प्रयास किया जाता है।
यह इंसान की शारीरिक-मानसिक व इमोशनल वेल-बीइंग में सुधार के लिए रचनात्मक प्रक्रिया को महत्त्व देती है। इस प्रक्रिया में व्यक्ति की भावनाओं को सकारात्मक बनाने का सबसे ज्यादा प्रयास किया जाता है।
समस्या का समाधान
आर्ट थैरेपिस्ट शोध, अनुभव व आकलन के आधार पर व्यक्ति की समस्या के अनुरूप समाधान के रूप में उसे चित्र बनाने के लिए कहते हैं। इसके नियमित अभ्यास से नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों में बदला जा सकता है। इसके अलावा वे मन की दूसरी बातों को जानने के लिए कई तरह के टेस्ट भी करते हैं।
आर्ट थैरेपिस्ट शोध, अनुभव व आकलन के आधार पर व्यक्ति की समस्या के अनुरूप समाधान के रूप में उसे चित्र बनाने के लिए कहते हैं। इसके नियमित अभ्यास से नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों में बदला जा सकता है। इसके अलावा वे मन की दूसरी बातों को जानने के लिए कई तरह के टेस्ट भी करते हैं।
दिमाग पढ़ने की कोशिश
विशेषज्ञों का मानना है कि आर्ट थैरेपी कई मोर्चों पर सफल साबित हुई है। इंसान के खाने, सोने और सांस लेने से जुड़ी समस्याओं में भी इससे काफी फायदा देखा गया है। आप किस तरह से पेंटिंग करते हैं, यह बेहद महत्त्वपूर्ण है। आर्ट थैरेपिस्ट इसी आधार पर आपके व्यक्तित्व को समझने की कोशिश करता है। वह ब्रश स्ट्रोक, पेंटिंग के रंगों की क्वालिटी व टेक्स्चर के आधार पर आपके सब-कॉन्शियस माइंड में चल रहे विचारों को पढऩे की कोशिश करता है। पेंटिंग करना ध्यान की तरह है। पेंटिंग के दौरान इंसान खुद को बेहतर तरीके से पेश करने का पूरा प्रयास करता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आर्ट थैरेपी कई मोर्चों पर सफल साबित हुई है। इंसान के खाने, सोने और सांस लेने से जुड़ी समस्याओं में भी इससे काफी फायदा देखा गया है। आप किस तरह से पेंटिंग करते हैं, यह बेहद महत्त्वपूर्ण है। आर्ट थैरेपिस्ट इसी आधार पर आपके व्यक्तित्व को समझने की कोशिश करता है। वह ब्रश स्ट्रोक, पेंटिंग के रंगों की क्वालिटी व टेक्स्चर के आधार पर आपके सब-कॉन्शियस माइंड में चल रहे विचारों को पढऩे की कोशिश करता है। पेंटिंग करना ध्यान की तरह है। पेंटिंग के दौरान इंसान खुद को बेहतर तरीके से पेश करने का पूरा प्रयास करता है।